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भगवा कपड़ा और रुद्राक्ष माला पहनी दिखी स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन, महाकुंभ मेले में हुई शामिल

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स आध्यात्मिक शांति की खोज में भारत यात्रा पर हैं। इस दौरान वो बनारस के काशी विश्वनाथ में दर्शन के बाद महाकुंभ मेले में शामिल हुई हैं।
08:45 AM Jan 14, 2025 IST | Girijansh Gopalan
स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स आध्यात्मिक शांति की खोज में भारत यात्रा पर हैं। इस दौरान वो बनारस के काशी विश्वनाथ में दर्शन के बाद महाकुंभ मेले में शामिल हुई हैं।
महाकुंभ मेले में शामिल हुई स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स।

उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी को सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ की शुरूआत हो चुकी है। महाकुंभ के पहले दिन ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है। वहीं एपल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल जॉब्स प्रयागराज कुंभ मेले में शामिल हुई हैं।

कुंभ मेले में पहुंची स्टीव जॉब्स की पत्नी

जानकारी के मुताबिक लॉरेन पावेल जॉब्स वे अपने गुरु निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में 29 जनवरी तक रहेंगी। इस दौरान लॉरेन पावेल जॉब्स कई अनुष्ठानों में भी भाग लेंगी। बता दें कि इस दौरान कैलाशानंद महाराज ने उन्हें कमला नाम दिया है।

आध्यात्मिक शांति की खोज में भारत यात्रा पर जॉब्स

स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स आध्यात्मिक शांति की खोज में भारत यात्रा पर हैं। लॉरेन पॉवेल जॉब्स अपने गुरु निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के साथ विश्व की सबसे प्राचीन नगरी काशी भी गई थी। जहां उन्होंने बीते शनिवार को बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया है।

जॉब्स को काशी व‍िश्वनाथ के गर्भगृह में जाने की अनुमत‍ि नहीं?

अब सवाल ये है कि क्या लॉरेन पॉवेल जॉब्स को श्रीकाशी विश्वनाथ के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है? क्योंकि दर्शन के दौरान उन्हें जाने की अनुमति नहीं मिली थी. इसको लेकर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ के गर्भगृह में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है. यही कारण है कि पॉवेल ने गर्भगृह के बाहर से ही महादेव का दर्शन-पूजन और नमन किया है। आचार्य महामंडलेश्वर और धर्मगुरु होने के नाते कैलाशानंद गिरी का सनातन धर्म के नियमों का पालन कराना नैतिक कर्तव्य है।

स्वामी कैलाशानंद ने कहा “जॉब्स बेटी की तरह”

स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने पॉवेल जॉब्स के बारे में बताया कि वह अमेरिका से आध्यात्मिक यात्रा पर आई हैं। वह उनकी बेटी के समान हैं और उन्हें अपना गोत्र प्रदान किया है। कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि "यह भी पूर्व जन्म का संस्कार है, मैं भारत का एक साधु हूं, मेरी लॉरेन से 2023 की आखिरी समय में मुलाकात हुई थी और फिर 2024 में वह मेरे आश्रम में आई है।" उन्होंने कहा इस दौरान लॉरेन मेरे आश्रण में रहीं, यज्ञ किया, अनुष्ठान किया, पूजा किया और फिर उसने मुझसे गोत्र और नाम मांगा फिर मैंने उसका नाम कमला रखा और उसे अच्युत गोत्र दिया था, वह मेरी बेटी है।"

पॉवेल शांति की तलाश में आई भारत

कैलाशानंद गिरि महाराज के मुताबिक यह बहुत पुरानी परंपरा है कि दुनिया के लोग महात्माओं से जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे धनवान महिला आज आज कुंभ नगरी में है और सरल और सहज भाव से रह रही है। उन्होंने कहा कि पॉवेल जॉब्स किसी से मिलना भी नहीं चाहती है, वह सिर्फ गुरु के साथ बैठकर अपने कुछ सवालों के जवाब जानना चाहती है।

ये भी पढ़ें:महाकुंभ में अब तक डेढ़ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी, जर्मनी-ब्राजील समेत कई देशों से आए भक्त

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