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थरूर के मोदी प्रेम से कांग्रेस नाराज, पार्टी में बढ़ी अंदरूनी तकरार, अब एक्शन लेगी हाईकमान?

शशि थरूर ने मोदी की खुले दिल से तारीफ की, लेकिन कांग्रेस ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की?
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Shashi Tharoor praises Modi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर खुलकर बोले। अब उनके बयान को लेकर पार्टी के अंदरखाने विवाद की खबरें आ रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि कांग्रेस पार्टी ने शशि थरूर के बयान को 'पार्टी की राय नहीं ' बताया। साथ ही कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर यह भी कहा गया कि शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार की है। (Shashi Tharoor praises Modi) इस संबंध में जब शशि थरूर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि एक भारतीय होने के नाते उन्होंने अपनी बात देश और दुनिया के सामने रखी।

एक भारतीय के तौर पर अपनी बात रखी

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर खुलकर बोले। अब उनके बयान को लेकर पार्टी के अंदरखाने विवाद की खबरें आ रही हैं। ऐसी खबरें हैं कि कांग्रेस पार्टी ने शशि थरूर के बयान को 'पार्टी की राय नहीं ' बताया। साथ ही कांग्रेस द्वारा कथित तौर पर यह भी कहा गया कि शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा पार की है। इस संबंध में जब शशि थरूर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि एक भारतीय होने के नाते उन्होंने अपनी बात देश और दुनिया के सामने रखी।

CWC की बैठक में ऐसी कोई बात नहीं हुई

दरअसल, भारत-पाक तनाव के बीच कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक हुई थी। इस बैठक में शशि थरूर भी मौजूद थे। बताया जाता है कि इस दौरान पार्टी ने शशि थरूर के बयान को लक्ष्मण रेखा पार करना बताया था और कहा गया था कि यह उनका निजी बयान है, कांग्रेस पार्टी का नहीं। जब थरूर से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में मैं मौजूद था लेकिन मेरे सामने ऐसी कोई बात नहीं हुई। बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक तनाव के बीच शशि थरूर ने विभिन्न चैनलों पर मीडिया के जरिए भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखा था।

जानिए क्यों थरूर पर एक्शन लेने से बच रही कांग्रेस?

शशि थरूर के बयान से जरूर कांग्रेस असहज हो रही है, लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं करना चाहती है। थरूर पर एक्शन लेकर कांग्रेस किसी भी तरह के आंतरिक विवाद में फिलहाल नहीं पड़ना चाहती है। थरूर एक प्रभावशाली नेता हैं और उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि और बौद्धिक क्षमता को पार्टी महत्व देती है। मुश्किल यह है कि केरल में साल 2026 में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में पार्टी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती, क्योंकि 9 सालों से पार्टी सत्ता से बाहर है।

थरूर पर कार्रवाई करने का सीधा असर केरल की राजनीति पर पड़ेगा, क्योंकि उनका युवाओं और शहरी मतदाताओं पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। केरल में कांग्रेस लगातार दो बार से सत्ता से बाहर है। इसलिए पार्टी बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। वहीं शशि थरूर नायर समुदाय से आते हैं और यह केरल की प्रभावशाली ऊंची जाति मानी जाती है। ऐसे में पार्टी को तिरुवनंतपुरम और आसपास की सीट पर नुकसान हो सकता है। विधानसभा में यह नुकसान बढ़ जाएगा। माना जा रहा है कि थरूर पार्टी छोड़ते हैं, तो विधानसभा में तिरुवनंतपुरम की सात विधानसभा सहित कई दूसरी शहरी सीट पर भी इसका असर आएगा।

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