"हमें रोकने के लिए किसी को समझाने की जरूरत नहीं..." US जाने से थरूर का ट्रंप को दो टूक संदेश
Shashi Tharoor on Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर के बाद, कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग करने की रणनीति के तहत ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचा है। इसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका की यात्रा करेगा।
इससे पहले, शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत युद्ध नहीं चाहता और इसे समझाने के लिए किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है। दरअसल, ट्रंप बार-बार दावा कर रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में मध्यस्थता की है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को व्यापार बंद करने की चेतावनी दी थी।
"हमारी समझ थोड़ी अलग है..."
ब्रासीलिया में मीडिया से बातचीत के दौरान थरूर ने कहा, "हम अमेरिकी राष्ट्रपति पद का बहुत सम्मान करते हैं और इसी सम्मान को ध्यान में रखकर अपनी बात रखेंगे। लेकिन हमारी समझ थोड़ी अलग है। हमें रोकने के लिए किसी के समझाने की जरूरत नहीं थी।
हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि हम संघर्ष को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। यदि अमेरिकी राष्ट्रपति या उनके वरिष्ठ अधिकारियों को किसी को समझाने की जरूरत थी, तो वह पाकिस्तान को होती। हमें समझाने की आवश्यकता नहीं, क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते। हमारा ध्यान विकास पर केंद्रित है। यही हमारा मूल संदेश है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने 7 मई से ही लगातार कहा था कि हम संघर्ष को लंबा खींचने के इच्छुक नहीं हैं। यह किसी युद्ध की शुरुआत नहीं थी, बल्कि आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई थी। अगर पाकिस्तान ने प्रतिक्रिया नहीं दी होती, तो हम भी कोई जवाबी कदम नहीं उठाते।"
अमेरिका में शशि थरूर का क्या है प्लान?
ब्रासीलिया की यात्रा के बाद, शशि थरूर के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना होगा। इस यात्रा के बारे में उन्होंने कहा, "अमेरिका में मीडिया का माहौल काफी व्यस्त और चुनौतीपूर्ण है। यह दुनिया भर की खबरों का केंद्र है, इसलिए हो सकता है कि हमारी कहानी उनकी प्राथमिकता न हो। लेकिन अगर हम उन लोगों का ध्यान खींच सकें, जो दक्षिण एशिया, भारत और आतंकवाद के मुद्दों की परवाह करते हैं, तो हम अपना संदेश प्रभावी ढंग से पहुंचा सकते हैं।"
कांग्रेस नेता ने बताया, "हम वाशिंगटन में जनमत, सरकारी अधिकारियों, सांसदों, सीनेटरों, विभिन्न समितियों, प्रभावशाली थिंक टैंकों, खासकर विदेश नीति, मीडिया और कुछ सार्वजनिक संबोधनों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। मुझे छह से सात साक्षात्कार देने हैं, जो अमेरिकी चैनलों, प्रसारकों और पॉडकास्टरों के साथ होंगे।"
अमेरिका में एक साथ भारत-पाक प्रतिनिधिमंडल
थरूर ने कहा, "अमेरिका हमारे लिए हर स्तर पर महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद हमारे संबंधों का एक छोटा हिस्सा मात्र है। व्यापार, रक्षा, खुफिया जानकारी साझा करना, जी-20 और क्वाड में हमारी भागीदारी जैसे कई क्षेत्रों में हम अमेरिका के साथ सहयोग करते हैं। यह संयोग नहीं है कि पाकिस्तान ने भी विदेश में अपना प्रतिनिधिमंडल भेजा है, लेकिन वे उतने देशों का दौरा नहीं कर रहे, जितने हम कर रहे हैं। वे वाशिंगटन, ब्रुसेल्स और लंदन जैसी प्रमुख राजधानियों पर ध्यान दे रहे हैं।"
उन्होंने यह भी बताया कि कल अमेरिका में भारत और पाकिस्तान, दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल एक साथ मौजूद होंगे, जो एक रोचक स्थिति होगी। थरूर ने कहा, "वाशिंगटन में दो प्रतिद्वंद्वी प्रतिनिधिमंडलों की मौजूदगी से दिलचस्पी बढ़ सकती है।"