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वरिष्ठ RSS प्रचारक माधव विनायक कुलकर्णी का दुःखद निधन

बचपन से ही उनमें राष्ट्रवाद और समाज सेवा के संस्कार कूट-कूट कर भरे थे।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक प्रमुख और समर्पित प्रचारक, माधव विनायक कुलकर्णी (Madhav Vinayak Kulkarni), जिन्हें प्यार से मनुभाई भी कहा जाता था, का दु:खद निधन हो गया है। संघ परिवार के कई लोगों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मनुभाई का जीवन राष्ट्र और संघ के प्रति उनकी अटूट सेवा और समर्पण का एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करता है।

बचपन से ही संघ से जुड़ाव

माधव विनायक कुलकर्णी का जन्म 17 मई 1938 को महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुआ था। उनका संघ से जुड़ाव बहुत कम उम्र में ही शुरू हो गया था। वर्ष 1942 में, जब वे मात्र 4 वर्ष के थे, उनके बड़े भाई ने उन्हें संघ में शामिल किया। इस छोटी सी उम्र में शुरू हुआ उनका सफ़र जीवन भर चलता रहा और उन्होंने संघ के सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात किया। बचपन से ही उनमें राष्ट्रवाद और समाज सेवा के संस्कार कूट-कूट कर भरे थे।

प्रचारक के रूप में समर्पित जीवन

माधव कुलकर्णी ने वर्ष 1962 से संघ के मुख्य प्रचारक का दायित्व संभाला। एक प्रचारक के रूप में उन्होंने अपना जीवन समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित कर दिया। एक प्रचारक का जीवन अत्यंत कठिन होता है, जिसमें वह अपने परिवार और निजी जीवन को पीछे छोड़कर संघ कार्य के लिए देश भर में भ्रमण करता है। इस दौरान उन्होंने संघ की गहन शिक्षा भी प्राप्त की। जिसमें उन्होंने प्रथम वर्ष 1959 में, द्वितीय वर्ष 1962 में तथा तृतीय वर्ष 1963 में पूर्ण किया, जो संघ की विचारधारा को समझने तथा उसे व्यवहार में लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

विविध ज़िम्मेदारियाँ और भाषाओं में प्रवीणता

संघ में रहते हुए मनुभाई ने कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियाँ संभालीं और हर भूमिका में उन्होंने अपनी कुशलता का परिचय दिया। उन्होंने मुख्य शिक्षक, महाविद्यालय अध्यक्ष, तालुका, जिला और महानगर प्रचारक जैसे विभिन्न पदों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।

मनुभाई की एक और विशेषता भाषाओं पर उनकी पकड़ थी। उन्हें मराठी, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी का उत्कृष्ट ज्ञान था। इस भाषाई कौशल के कारण वे विभिन्न राज्यों और समुदायों के लोगों से आसानी से जुड़ सके, जिसने संघ के कार्य के दायरे को विस्तारित करने में प्रमुख भूमिका निभाई।

संघ परिवार में शोक की लहर

उल्लेखनीय है कि माधव विनायक कुलकर्णी का दु:खद निधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका जीवन और कार्य अनेक स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। उन्होंने न केवल संघ की विचारधारा का प्रचार किया, बल्कि अपने आचरण से एक प्रचारक का आदर्श जीवन कैसा हो सकता है, इसका उदाहरण भी प्रस्तुत किया। मनुभाई की स्मृतियाँ और उनके कार्य संघ परिवार को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। उनका निधन सचमुच एक युग का अंत है और उनके जैसे समर्पित कार्यकर्ता की कमी लंबे समय तक महसूस की जाएगी।

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