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राहुल गांधी ने धारावी में चमार स्टूडियो का दौरा किया, कहा- "यह मॉडल पूरे देश के लिए कारगर है"

राहुल गांधी ने धारावी में चमार स्टूडियो का दौरा किया और कहा कि यह मॉडल पूरे देश के लिए कारगर है। जानें कैसे पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक उद्यमिता एक साथ काम कर सकती है।
02:59 AM Mar 07, 2025 IST | Girijansh Gopalan
राहुल गांधी ने धारावी में चमार स्टूडियो का दौरा किया और कहा कि यह मॉडल पूरे देश के लिए कारगर है। जानें कैसे पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक उद्यमिता एक साथ काम कर सकती है।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को मुंबई के धारावी इलाके का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने चमड़ा उद्योग से जुड़े कारीगरों और उद्यमियों से बातचीत की। राहुल ने धारावी में स्थित चमार स्टूडियो के संस्थापक सुधीर राजभर से मुलाकात की और उनके काम की तारीफ की। राहुल ने कहा कि चमार स्टूडियो का मॉडल पूरे देश के लिए कारगर है और यह दिखाता है कि पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक उद्यमिता कैसे एक साथ मिलकर काम कर सकती है।

चमार स्टूडियो की कामयाबी पर राहुल ने डाला प्रकाश

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर चमार स्टूडियो की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "चमार स्टूडियो के सुधीर राजभर देश के लाखों दलित युवाओं के जीवन और यात्रा को समेटे हुए हैं। प्रतिभा के धनी, नए-नए विचारों से भरपूर और कामयाबी की भूख लेकिन इनके पास अपने क्षेत्र के अभिजात वर्ग से जुड़ने के लिए पहुंच और अवसर की कमी है।" राहुल ने आगे कहा, "हालांकि, अपने समुदाय के कई अन्य लोगों के विपरीत, सुधीर को अपना खुद का नेटवर्क बनाने का मौका मिला। उन्होंने धारावी के कारीगरों के छिपे गुर को समझा और उन्होंने मिलकर एक ऐसा ब्रांड बनाया जिसे आज के दौर में वैश्विक स्तर पर फैशन के सबसे प्रतिष्ठित गलियारों में पहचाना जाता है।"

पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक उद्यमिता का संगम

राहुल गांधी ने चमार स्टूडियो की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा, "चमार स्टूडियो की कामयाबी इस बात पर रोशनी डालती है कि पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक उद्यमिता कैसे एक साथ मिलकर काम कर सकती है। इससे कुशल कारीगरों को उस कामयाबी का एक हिस्सा मिल सकता है जो उन्होंने अपने हाथों से तैयार की है।"
उन्होंने आगे कहा, "आज धारावी में सुधीर और उनकी टीम के साथ काम करते हुए, मैंने समावेशी उत्पादन नेटवर्क के महत्व को रेखांकित किया जो अलग-अलग क्षेत्रों में कुशल श्रमिकों को आगे बढ़ाता है।"

सुधीर राजभर और रामचेत मोची की मुलाकात

राहुल गांधी ने बताया कि उन्होंने सुधीर राजभर को सुल्तानपुर के रामचेत मोची से मिलवाया। रामचेत मोची भी चमड़ा उद्योग से जुड़े हैं और उन्हें डिजाइन और इनोवेशन के जरिए अपने बिजनेस को बदलने में मदद की जा सकती है। राहुल ने कहा, "मुझे लगा कि सुधीर के लिए अपने ज्ञान और अनुभव को दूसरों के साथ साझा करना भी उतना ही अहम है।"

लोकसभा में भी उठाया था मुद्दा

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने लोकसभा में भी इस बात पर जोर दिया था कि एक समृद्ध भारत का निर्माण केवल "उत्पादन और भागीदारी" के जरिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "चमार स्टूडियो की कामयाबी से हमें यह पता चलता है कि यह मॉडल कारगर है। मुझे उम्मीद है कि हम पूरे भारत में इस तरह के मॉडल को अपना सकते हैं।"

धारावी: चमड़ा उद्योग का केंद्र

धारावी दुनिया के सबसे बड़े चमड़ा केंद्रों में से एक है। यहां पर 20 हजार से अधिक चमड़ा विनिर्माण इकाइयां लगी हुई हैं और इसमें करीब एक लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। राहुल गांधी ने धारावी में चमड़ा उद्योग के मजदूरों और उद्यमियों से बातचीत की और उनके मुद्दों को समझने की कोशिश की।
गुजरात के लिए रवाना होंगे राहुल कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज मुंबई में आराम करेंगे और कल शुक्रवार सुबह अहमदाबाद के लिए रवाना होंगे। उनकी इस यात्रा का मकसद चमड़ा उद्योग के कार्यबल को पेश आने वाली चुनौतियों को समझना था। इस दौरान राहुल ने कुछ विनिर्माण इकाइयों का दौरा किया, जिनमें चमार स्टूडियो भी शामिल है।

निष्कर्ष

राहुल गांधी की धारावी यात्रा ने एक बार फिर इस बात पर प्रकाश डाला है कि पारंपरिक कारीगरी और आधुनिक उद्यमिता का संगम कैसे समावेशी विकास को बढ़ावा दे सकता है। चमार स्टूडियो की सफलता इस बात का उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर दलित और पिछड़े समुदाय के युवा भी बड़े मुकाम हासिल कर सकते हैं।

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