पटेल को नहीं करने दिया, लेकिन हम करके रहेंगे…पाक के आतंक पर गुजरात से PM मोदी ने भरी हुंकार
गुजरात के गांधीनगर में तिरंगा रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया कि पूरा देश स्तब्ध रह गया। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पहली बार पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि "हमने अभी तो कुछ किया नहीं, अभी से पाकिस्तान के पसीने छूटने लगे हैं!" यह भाषण सिर्फ एक जवाबी कार्रवाई से आगे की रणनीति का संकेत था, जिसमें मोदी ने पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकियों को दी जाने वाली स्टेट ऑनर श्रद्धांजलि को उजागर करते हुए कहा कि "यह प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सोची-समझी जंग है... और अब इसका जवाब भी युद्धस्तर पर मिलेगा! आइए, इस भाषण के प्रमुख बिंदुओं को समझें और जानें कि क्यों पाकिस्तान की नींद उड़ गई है।
1947 की गलती अब नहीं दोहराने देंगे
इतिहास के पन्नों को खोलते हुए पीएम मोदी ने कश्मीर को लेकर ब्रिटिश राज की भूल की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि 1947 में जब मां भारती के टुकड़े हुए, तो कटनी चाहिए थी जंजीरें... लेकिन काट दी गईं भुजाएं। अगर तब सरदार पटेल की बात मान ली गई होती और मुजाहिदीनों को उसी वक्त खत्म कर दिया गया होता, तो आज 75 साल बाद भी हमें आतंकवाद का दंश न झेलना पड़ता।" यह बयान साफ संकेत था कि भारत अब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा। मोदी ने इसे "शरीर में चुभे कांटे" की संज्ञा देते हुए कहा कि हम इस कांटे को निकालकर ही रहेंगे!"
पाक सेना ने आतंकियों को सैल्यूट कर ताबूतों पर बांधे राष्ट्रीय झंडे
ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के पाकिस्तान में हुए अंतिम संस्कार का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने दुनिया के सामने इस्लामाबाद की दोगली नीति को उजागर किया। उन्होंने कहा कि"6 मई को जिन आतंकियों को हमने मारा, उनके ताबूतों पर पाकिस्तान के झंडे लगे थे, उन्हें स्टेट ऑनर दिया गया और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें सैल्यूट किया। क्या यह साबित नहीं करता कि ये आतंकी पाकिस्तान की सेना और सरकार के एजेंट हैं? मोदी ने यह सवाल उठाकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी दी कि भारत अब पाकिस्तान के "प्रॉक्सी वॉर" के झांसे में नहीं आएगा।
तिरंगा रैली पर क्या बोले पीएम मोदी?
गुजरात के वडोदरा, दाहोद, भुज और अहमदाबाद से लेकर गांधीनगर तक चलाए गए तिरंगा रैली अभियान को पीएम मोदी ने "जनता का जवाब" बताया। उन्होंने कहा कि "जहां-जहां मैं गया, वहां सिंदूरिया सागर की गर्जना और तिरंगे की लहरों ने साबित कर दिया कि 140 करोड़ भारतीय अब एक सैनिक की तरह सजग हैं।
यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पीएम ने सीमा पर लड़ रहे जवानों और घरों में बैठे नागरिकों के बीच एक अदृश्य एकता का आह्वान किया। उन्होंने संकेत दिया कि आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई अब सिर्फ सेना की नहीं, बल्कि हर उस भारतीय की है जो तिरंगे के नीचे खड़ा है।
क्या पाकिस्तान समझ पाएगा मोदी के बयान का इशारा?
पीएम मोदी का यह भाषण कोई सामान्य राजनीतिक बयान नहीं था बल्कि यह एक स्पष्ट चेतावनी थी कि भारत अब पाकिस्तान की "काटने-छुपने" वाली रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेगा। जब मोदी कहते हैं कि "अभी तो कुछ किया नहीं", तो यह पाकिस्तान के लिए एक डरावना संकेत है कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ शुरुआत थी। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तानी सेना और ISI इस बार संदेश समझ पाएंगी? या फिर उन्हें एक बार फिर "पसीने छूटने" का मौका मिलेगा? एक बात तय है कि भारत ने अपनी रणनीति साफ कर दी है: जो लड़ाई पाकिस्तान चाहता है, उसका जवाब अब उसी की भाषा में दिया जाएगा
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