पीएम मोदी की चार बड़ी मीटिंग्स: जानें CCS, CCPA, CCEA और कैबिनेट की पूरी डिटेल्स
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को लेकर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने सेनाओं को फ्री हैंड दे दिया है। बुधवार को पीएम मोदी एक के बाद एक चार बड़ी मीटिंग्स करने वाले हैं, जो पाकिस्तान के मसले पर गेम-चेंजर साबित हो सकती हैं। ये मीटिंग्स हैं- CCS, CCPA, CCEA और फिर कैबिनेट की। अगर आप इन कमेटियों के बारे में नहीं जानते, तो कोई बात नहीं। हम आपको बिल्कुल देसी आसान भाषा में इनके बारे में बताते हैं।
CCS: सिक्योरिटी का बॉस
कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) वो बिग बॉस है, जो देश की सुरक्षा से जुड़े सारे बड़े फैसले लेता है। इसकी कमान खुद पीएम मोदी के हाथों में होती है। उनके साथ गृहमंत्री, रक्षामंत्री और कुछ बड़े खिलाड़ी (मंत्री) होते हैं। आतंकवाद, युद्ध, रक्षा नीतियां या कोई सिक्योरिटी इश्यू हो, ये कमेटी बैठती है और फैसले सुनाती है। मान लो, देश की सुरक्षा का रिमोट कंट्रोल इनके पास है।
CCPA: पॉलिटिकल ड्रामे का सॉल्यूशन
कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स (CCPA) वो जगह है, जहां देश के पॉलिटिकल और इकनॉमिक ड्रामे सुलझाए जाते हैं। इसकी मीटिंग में पीएम मोदी चेयरमैन होते हैं, और उनके साथ रक्षामंत्री, गृहमंत्री, वित्तमंत्री, सड़क परिवहन मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री वगैरह बड़े-बड़े नेता शामिल होते हैं। ये लोग बैठकर देश की पॉलिटिक्स, सिक्योरिटी, इकनॉमी और स्ट्रैटेजिक मसलों पर दिमाग लगाते हैं। खास तौर पर केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल बिठाने या विदेश नीति के उन मसलों पर, जो देश की पॉलिटिक्स को हिला सकते हैं।
CCEA: इकनॉमी की स्टीयरिंग
कैबिनेट कमेटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (CCEA) देश की इकनॉमी का स्टेयरिंग व्हील है। इसमें वित्तमंत्री, योजना मंत्री और कुछ बड़े मंत्री शामिल होते हैं। बजट, डेवलपमेंट प्लान्स, इकनॉमिक रिफॉर्म्स और फाइनेंशियल पॉलिसी पर ये लोग माथापच्ची करते हैं। आसान शब्दों में, देश की जेब का हिसाब-किताब यही कमेटी देखती है।
कैबिनेट मीटिंग: सरकार का पावर हाउस
कैबिनेट मीटिंग तो सरकार का पावर हाउस है। पीएम मोदी की अगुवाई में सारे बड़े मंत्री यहां जमा होते हैं और देश के टॉप लेवल के मुद्दों पर चर्चा करते हैं। नए कानून बनाना, बड़ी पॉलिसी लागू करना या कोई बड़ा फैसला लेना- ये सब यहीं होता है। मान लो, ये सरकार का हेड ऑफिस है, जहां से सारे बड़े ऑर्डर निकलते हैं।
ये मीटिंग्स इतनी जरूरी क्यों?
ये सारी कमेटियां और मीटिंग्स भारत सरकार के लिए रीढ़ की हड्डी जैसी हैं। देश की सिक्योरिटी, इकनॉमी और जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ये लोग बड़े-बड़े फैसले लेते हैं। पीएम मोदी की चेयरमैनशिप में ये कमेटियां सरकार की पॉलिसी और प्लानिंग को शेप देती हैं। कुल मिलाकर, इन मीटिंग्स से देश का भविष्य तय होता है।
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