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प्रधानमंत्री मोदी ने पार्वती-कालीसिंध-चंबल रिवर लिंकिंग परियोजना का किया शिलान्यास, किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्वती कालीसिंध चंबल रिवर लिंकिंग परियोजना का शिलान्यास किया। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के लाखों लोगों को मिलेगा पीने का पानी और किसानों को मिलेगा सिंचाई का पानी
07:14 PM Dec 17, 2024 IST | Vibhav Shukla
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्वती कालीसिंध चंबल रिवर लिंकिंग परियोजना का शिलान्यास किया। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश के लाखों लोगों को मिलेगा पीने का पानी और किसानों को मिलेगा सिंचाई का पानी
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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल रिवर लिंकिंग परियोजना का शिलान्यास किया। यह परियोजना दोनों राज्यों के किसानों और नागरिकों के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे जल संकट हल होने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी भारी सुधार होगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी मौजूद थे।

दो राज्यों के जल संकट का होगा समाधान

सबसे बड़ी बात ये है कि यह परियोजना दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे के मुद्दे को हल करेगी, जो पिछले 20 सालों से विवाद का कारण बना हुआ था। अब, इस परियोजना के जरिए मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों के लाखों लोग जल संकट से छुटकारा पाएंगे। इससे इन राज्यों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और कई इलाकों में पीने के पानी की समस्या भी हल होगी। इस परियोजना का लाभ सिर्फ राजस्थान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि मध्य प्रदेश के कई जिलों में भी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।

 

इस परियोजना से मध्य प्रदेश के कई जिले जैसे इंदौर, गुना, शिवपुरी, उज्जैन, आगर-मालवा और श्योपुर समेत कुल 12 जिलों के लगभग 40 लाख लोग पीने का पानी पाएंगे। इसके अलावा, मालवा और चंबल क्षेत्र के किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलने से किसानों की फसलें बेहतर होंगी और उन्हें पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

बीस साल पुराना विवाद सुलझा, अब जल का सही बंटवारा होगा

यह परियोजना 20 साल से चल रहे जल बंटवारे के विवाद का समाधान करेगी। दोनों राज्यों के बीच कई बार जल को लेकर मतभेद सामने आए थे, लेकिन अब यह परियोजना इन विवादों को खत्म करने का रास्ता खोलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, जब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एक साथ मिलकर जल बंटवारे पर समझौता करने में सफल हुए हैं। इससे दोनों प्रदेशों के लाखों लोग लाभान्वित होंगे और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।

 

मुख्यमंत्री मोहन यादव का संदेश

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस परियोजना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "बीस वर्षों से लंबित जल योजना की सौगात अब मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों को मिल रही है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद से संभव हो पाया है।" मोहन यादव ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि इससे दोनों राज्यों के लाखों लोगों की जिंदगी में बदलाव आएगा।

 

सीआर पाटिल ने भी की तारीफ

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी इस परियोजना की तारीफ की और इसे दोनों राज्यों के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना ना सिर्फ जल संकट का हल निकालेगी, बल्कि यह पर्यावरण के संरक्षण में भी मदद करेगी। इसके साथ ही, इस परियोजना के जरिए दोनों राज्यों में जल प्रबंधन की बेहतर योजना बनाई जाएगी, जिससे भविष्य में जल संकट को रोकने में मदद मिलेगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी इस परियोजना को लेकर जताई खुशी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी इस परियोजना को लेकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल राजस्थान के किसानों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होगी। इससे राज्य में जल संकट को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा और कृषि क्षेत्र को भी काफी मजबूती मिलेगी।

 

 

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया ऐतिहासिक कदम 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना को देश के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के जरिए नदियों के बीच तालमेल और जल बंटवारे की समुचित योजना बनाई जाएगी। इससे दोनों राज्यों के विकास को और तेज गति मिलेगी और भविष्य में जल संकट से बचाव होगा।

राज्य सरकारों का सहयोग महत्वपूर्ण

इस परियोजना के सफल संचालन के लिए राज्य सरकारों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री ने जो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं, वह एक साथ मिलकर काम करने की इच्छा को दर्शाता है। इससे ना सिर्फ जल संकट का हल निकलेगा, बल्कि दोनों राज्यों के नागरिकों को एक नई दिशा मिलेगी।

जल और कृषि की दिशा में बड़ा बदलाव

'पार्वती-कालीसिंध-चंबल' रिवर लिंकिंग परियोजना से सिर्फ पानी की समस्या ही हल नहीं होगी, बल्कि इससे कृषि क्षेत्र में भी एक बड़ा बदलाव आएगा। सिंचाई के पानी की सुगम आपूर्ति होने से किसानों को लाभ होगा और उनकी कृषि पद्धतियों में भी सुधार आएगा। इसके साथ ही, यह परियोजना उन इलाकों के लिए भी फायदेमंद होगी, जिनमें पहले पानी की कमी के कारण कृषि नहीं हो पा रही थी।

पार्वती-कालीसिंध-चंबल रिवर लिंकिंग परियोजना दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे के मुद्दे को हल करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाएगी और लाखों लोगों को जल संकट से निजात दिलाएगी। यह परियोजना देश में जल प्रबंधन की दिशा में एक नई उम्मीद पैदा करती है, जिससे भविष्य में जल की अधिक से अधिक उपलब्धता सुनिश्चित की जा सकेगी।

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