ज्योति से लेकर गजाला तक… कौन हैं वो 11 चेहरे जिन्हें पुलिस मान रही है जासूसी नेटवर्क का हिस्सा?
तीखे सवालों में उलझे 11 चेहरे, पीछे छिपा एक बड़ा नेटवर्क। कोई यूट्यूबर, कोई स्टूडेंट तो कोई सिक्योरिटी गार्ड लेकिन सब एक जैसे शक के घेरे में। बीते तीन दिनों में देश की खुफिया एजेंसियों और पुलिस ने एक के बाद एक 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है। शक है कि इन लोगों ने सेना की गतिविधियों, रणनीतिक ठिकानों, और भारत के संवेदनशील इलाकों से जुड़ी जानकारी दुश्मन तक पहुंचाई। इन गिरफ्तारियों ने देश के सुरक्षा तंत्र को झकझोर दिया है क्योंकि आरोपी कोई हाई-प्रोफाइल एजेंट नहीं बल्कि आम चेहरे हैं। जिनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी देखकर कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि उनके पीछे एक दुश्मन मुल्क की परछाई है।
'ट्रैवल विद जो' का सफर पाकिस्तान तक कैसे पहुंचा?
हिसार की ट्रैवल व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा यूट्यूब पर ‘ट्रैवल विद जो’ के नाम से मशहूर है। उसके चैनल पर लाखों फॉलोअर्स हैं, लेकिन अब पुलिस पूछ रही है। क्या ये व्लॉगिंग सिर्फ घुमक्कड़ी थी या कुछ और भी? आरोप है कि ज्योति तीन बार पाकिस्तान गई और हर बार पाकिस्तानी उच्चायोग के निष्कासित कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश के संपर्क में रही।
पुलिस को शक है कि उसे खास लोकेशन के वीडियो अपलोड करने को कहा गया। उसके वीडियोज़, उसके दौरे और उसके नेटवर्क की हर कड़ी की जांच हो रही है। मामला सिर्फ वीडियो बनाने का नहीं है, बल्कि उसे कब, कहां, क्यों और किसके इशारे पर बनाया गया अब बस यही सवाल पूछे जा रहे हैं।
पैसों के लालच में कैसे फंसे गजाला और यामीन?
32 साल की गजाला और पंजाब के मालेर्कोटला का रहने वाला यामीन मोहम्मद दोनों अब पुलिस की हिरासत में हैं। आरोप है कि इनका संपर्क भी दानिश से था और ये पाकिस्तानी नेटवर्क के लिए मनी चैनल की तरह काम करते थे। यानी पाकिस्तान से पैसा आता, वीज़ा बनते और गोपनीय जानकारियां भेजी जातीं। मोबाइल ट्रांजैक्शन, बैंक डीटेल्स और इनकी बातचीत की रिकॉर्डिंग से पुलिस को कई लिंक मिले हैं। पूछताछ में दोनों ने कबूल किया है कि पैसे के लालच में उन्होंने कुछ जानकारियां साझा कीं।
स्टूडेंट से लेकर गार्ड तक सब के सब जुड़े एक ही खेल में?
हरियाणा के देवेंद्र सिंह की उम्र सिर्फ 25 साल है, लेकिन उसने जो किया उसका असर गहरा हो सकता है। आरोप है कि पटियाला के खालसा कॉलेज में पढ़ते हुए उसने सैन्य छावनी की तस्वीरें पाकिस्तान भेजीं। वहीं, पानीपत से गिरफ्तार नौमान इलाही एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड है।
लेकिन कई बार पाकिस्तान जा चुका है। क्यों गया, किसके लिए गया, अब यही पुलिस पूछ रही है। जालंधर के मोहम्मद मुर्तजा अली की कहानी और भी हैरान करने वाली है। वह एक ऐप डेवलपर है और पुलिस का कहना है कि उसने अपने बनाए ऐप के जरिए डेटा ट्रांसफर किया। उसके पास से चार मोबाइल और तीन सिम कार्ड बरामद हुए हैं, जिनमें से कुछ पाकिस्तान से लिंक्ड पाए गए।
गुरदासपुर और नूंह तक भी पहुंचे ISI के हाथ
हरियाणा के नूंह से अरमान और तारीफ नाम के दो युवकों को पकड़ा गया है। एक पर सेना की जानकारी व्हाट्सऐप से भेजने का आरोप है तो दूसरे को पाक दूतावास से सिम कार्ड मिले थे। आरोप है कि उसे सिरसा एयरबेस की तस्वीरें भेजने को कहा गया था।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से गिरफ्तार शहजाद कॉस्मेटिक्स और मसालों के व्यापारी की आड़ में सूचनाएं भेजता था। उधर, पंजाब के गुरदासपुर में 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सुखप्रीत सिंह समेत दो लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिन पर सैन्य गतिविधियों की जानकारी लीक करने का आरोप है।
कैसे जासूसी की वारदात को अंजाम देते थे ये लोग?
पूरे ऑपरेशन में एक पैटर्न साफ नजर आता है। टारगेट वही युवा, जिनकी उम्र 20 से 30 साल के बीच है। कोई सोशल मीडिया पर एक्टिव है, कोई करियर की तलाश में, तो कोई पैसे की तंगी में। इन्हें पाकिस्तान घूमने का मौका, ऑनलाइन दोस्ती, प्यार के झांसे, या फिर मोटे पैसे का लालच जैसे झूठे वादों में फंसाया गया। पुलिस का दावा है कि ज्यादातर आरोपियों से सोशल मीडिया या व्हाट्सऐप के जरिए संपर्क करके जासूसी को अंजाम दिया गया।
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