20 दिन बाद लौटा भारत का वीर, पाक ने BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ को किया रिहा
भारत-पाक सीमा पर सोमवार सुबह एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसने पूरे देश को राहत और गर्व से भर दिया। करीब 20 दिन पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद BSF कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ आखिरकार अटारी-वाघा बॉर्डर से स्वदेश लौट आए। सुबह 10:30 बजे जैसे ही उन्होंने भारतीय जमीन पर कदम रखा, सुरक्षा एजेंसियों ने तुरंत उन्हें अपनी निगरानी में लिया और पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी।
कैसे पहुंचे पाकिस्तान? एक चूक और फँस गया पूरा मामला
पूर्णम कुमार शॉ पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान एक मानवीय चूक के चलते वे अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए। वहां के रेंजर्स ने उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया। इस घटना ने केवल सुरक्षा एजेंसियों को ही नहीं, बल्कि उनके परिवार को भी चिंता में डाल दिया।
‘उम्मीद अब भी ज़िंदा है’ – पत्नी राजनी की भावुक अपील
पूर्णम की पत्नी राजनी शॉ का विश्वास और धैर्य इस कठिन दौर में सबके लिए प्रेरणा बना। उन्होंने मीडिया के माध्यम से कहा था, “जब हमारी सेना ने राजस्थान में एक पाकिस्तानी रेंजर को पकड़ा, तो मुझे उम्मीद थी कि मेरे पति भी जल्द रिहा होंगे।” राजनी ने यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से फोन कर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया, और उनके ससुराल पक्ष को स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा देने की बात भी कही।
पहलगाम हमला और भारत का पलटवार – ऑपरेशन सिंदूर
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने जिस निर्ममता से आम नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाया, वह भारत की सुरक्षा नीति के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। इस हमले को 26/11 के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला माना गया। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस सैन्य अभियान में भारतीय थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने एकजुट होकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और अन्य आतंकी अड्डों पर सटीक और शक्तिशाली हमले किए।
पाकिस्तान की बौखलाहट और नाकाम जवाबी हमले
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात भारत के श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट और अमृतसर जैसे महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता और समन्वित जवाबी कार्रवाई ने इन सभी प्रयासों को विफल कर दिया। भारतीय नौसेना ने अपने Carrier Battle Group और आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली की मदद से पाकिस्तानी हवाई हमलों को समुद्र में ही निष्क्रिय कर दिया।
भारत की कूटनीतिक सख्ती का नतीजा – जवान की वापसी
ऐसे तनावपूर्ण माहौल में पूर्णम कुमार की वापसी इस बात का प्रमाण है कि भारत अब हर स्तर पर अपनी बात मजबूती से रखता है – चाहे वह रणभूमि हो या कूटनीति। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि चाहे आतंकी हमला हो या सीमा का उल्लंघन, जवाब अब सटीक और असरदार मिलेगा। पूर्णम कुमार शॉ की वतन वापसी सिर्फ एक जवान की घर वापसी नहीं है, बल्कि यह भारत की नई रणनीति, ताकत और इरादों की कहानी भी है। अब हर भारतीय को यकीन है – देश अपने हर नागरिक और सैनिक के पीछे चट्टान की तरह खड़ा है।
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