पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन का डर? मिस्र का बोरोन वाला विमान और अमेरिका का रेडिएशन चेकर प्लेन पहुंचा
पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन की खबरें जोर पकड़ रही हैं। इन सबके बीच एक मिस्र का कार्गो विमान बोरोन लेकर पाकिस्तान पहुंचा, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उसने कई इलाकों में इस केमिकल का छिड़काव किया। बोरोन वो चीज है, जो रेडिएशन को कंट्रोल करने में काम आता है। ये खबरें उस दावे को और हवा दे रही हैं, जिसमें कहा गया था कि भारत के हमलों में पाकिस्तान के किराना हिल्स और नूर खान एयरबेस के पास मौजूद न्यूक्लियर ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। उधर, एक अमेरिकी विमान भी पाकिस्तान में देखा गया, जो रेडिएशन का पता लगाने वाला है। तो क्या वाकई पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन का खतरा मंडरा रहा है?
भारत-पाकिस्तान तनाव और नूर खान एयरबेस पर हमला
बात शुरू होती है भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए सैन्य टकराव से। भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेस पर हमले किए थे। इनमें रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस भी शामिल था, जिसे पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियारों का बड़ा ठिकाना माना जाता है। 10 मई की रात को अफगानिस्तान की सीमा के पास बलूचिस्तान के चगाई हिल्स में भूकंप के झटके महसूस हुए। कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि ये झटके भूकंप के नहीं, बल्कि भारत की ब्रह्मोस मिसाइल के हमले की वजह से आए, जो न्यूक्लियर ठिकाने पर दागी गई थी। लेकिन न तो भारत ने और न ही पाकिस्तान ने इसकी पुष्टि की है।
मिस्र का विमान और बोरोन का छिड़काव
इन सबके बीच मिस्र का एक कार्गो विमान पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में देखा गया। दावा है कि इस विमान में बोरोन भरा था। बोरोन एक ऐसा केमिकल है, जो न्यूक्लियर रिएक्टरों की सुरक्षा और रेडिएशन को दबाने में इस्तेमाल होता है। खबरों के मुताबिक, इस विमान ने नूर खान एयरबेस और आसपास के इलाकों में बोरोन का छिड़काव किया ताकि रेडिएशन को कंट्रोल किया जा सके। मिस्र की नील नदी के इलाके में बोरोन खूब पाया जाता है, और 1986 के चेर्नोबिल हादसे में भी इसका इस्तेमाल हुआ था। इस खबर ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है।
अमेरिकी विमान भी पहुंचा, रेडिएशन की जांच?
पाकिस्तान में सिर्फ मिस्र का विमान ही नहीं, बल्कि अमेरिका का एक खास विमान भी देखा गया। ये था अमेरिकी ऊर्जा विभाग का B350 AMS (एरियल मैप सर्वे) विमान, जिसका काम हवा में रेडिएशन का पता लगाना है। इस विमान की मौजूदगी ने उन अटकलों को और बल दिया कि पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन का खतरा हो सकता है। कुछ लोग कह रहे हैं कि भारत के हमलों से पाकिस्तान के न्यूक्लियर ठिकानों को नुकसान पहुंचा, जिसकी वजह से रेडिएशन लीक हुआ।
क्या है असल बात?
अब सवाल ये है कि क्या वाकई पाकिस्तान में न्यूक्लियर रेडिएशन फैल रहा है? मिस्र के विमान में बोरोन था या नहीं, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। अमेरिकी विमान की मौजूदगी भी सावधानी के तौर पर हो सकती है। भारत और पाकिस्तान, दोनों ने ही चगाई हिल्स में न्यूक्लियर ठिकाने पर हमले की बात को खारिज किया है। लेकिन इन विमानों की मौजूदगी और सोशल मीडिया पर चल रही खबरों ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। न्यूक्लियर रेडिएशन का डर कितना सच है, ये तो वक्त ही बताएगा।
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