कहां नागरिक, कहां आतंकवादी, UN में भारत को घेरने निकला पाकिस्तान, राजदूत ने पर्दा फाश कर दिया!
Pakistan at UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के पाखंड की पोल खोलते हुए कहा कि एक ऐसा देश जो आतंकियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं करता उसे नागरिकों की सुरक्षा के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। (Pakistan at UN)पाकिस्तानी सेना ने इस महीने की शुरुआत में जानबूझकर भारतीय सीमावर्ती गांवों पर गोलाबारी की, जिसमें नागरिक मारे गए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली चर्चा में कहा, भारत ने दशकों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी हमलों का सामना किया है। इसमें मुंबई शहर पर हुए 26/11 के हमले से लेकर पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है।
कश्मीर का नाम लेकर पाकिस्तान की पुरानी आदत
इससे पहले पाकिस्तान के प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने बयान में कश्मीर मुद्दा उठाया और भारत पर आरोप लगाए। इसके जवाब में भारत ने न केवल इन आरोपों को खारिज किया, बल्कि दुनिया को यह याद भी दिलाया कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से भारत दशकों से जूझ रहा है।
मुंबई से पहलगाम तक...आतंक के निशाने पर आम लोग
हरीश ने 2008 के मुंबई हमलों से लेकर हालिया अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले तक का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवादी गतिविधियों का शिकार सबसे ज्यादा आम नागरिक हुए हैं। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का मकसद भारत की समृद्धि, विकास और सामाजिक ताने-बाने पर चोट करना है। ऐसे देश का नागरिकों की सुरक्षा पर भाषण देना अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है।
आतंकियों के अंतिम संस्कार में अधिकारी
भारत ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां के उच्च पदस्थ अधिकारी सरकारी, सैन्य और पुलिस स्तर पर...उन आतंकवादियों के अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं, जो भारत में निर्दोष लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार होते हैं। जो देश आतंकवादियों और नागरिकों में फर्क नहीं करता, उसे मानवाधिकारों या नागरिक सुरक्षा पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
ऑपरेशन सिंदूर और बढ़ता तनाव
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। 6 मई की रात भारत ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान के अंदर स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों को सटीक हमलों में नष्ट कर दिया। जवाबी कार्रवाई में बौखलाए पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की।
आतंकवाद पर दुनिया को चाहिए सख्त रुख
हरीश ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र को आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति अपनानी चाहिए और उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए जो आतंकवाद को प्रायोजित या संरक्षण देते हैं। उन्होंने कहा...नागरिकों की सुरक्षा को आतंकवादियों की ढाल के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस चुनौती से निपटने के लिए निर्णायक कदम उठाए।
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