आतंकियों को घर में घुसकर मारता है इजराइल, ये हैं रोंगटे खड़े कर देने वाले ऑपरेशन
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है और ये सवाल उठ रहा है कि आखिर भारत आतंकवाद के खिलाफ अब क्या कदम उठाएगा। पाकिस्तानियों को वापस भेजने और सिंधु जल समझौते को रद्द करने जैसे कदम तो उठाए जा चुके हैं, लेकिन सेना की ओर से आतंकियों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई की उम्मीद अब भी बनी हुई है। दूसरी तरफ, दुनिया में एक ऐसा देश है जो आतंकियों को उनके ही ठिकाने पर जाकर सबक सिखाता है। इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों पर भले ही सवाल उठते हों, लेकिन वो दुश्मन को छोड़ता नहीं। आइए, बताते हैं इजराइल के कुछ ऐसे ऑपरेशंस के बारे में, जिन्होंने दुनिया को हिलाकर रख दिया।
भारत में इजराइल जैसी कार्रवाई की मांग
भारत में लंबे वक्त से आतंकवाद के खिलाफ इजराइल जैसी सख्त कार्रवाई की बात होती रही है। …
पहलगाम आतंकी हमले ने तोड़ी कश्मीर की कमर, एक हफ्ते में टूरिज्म को हुआ करोड़ों का नुकसान
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने 26 बेगुनाहों की जान ले ली। इस खौफनाक घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। कश्मीर, जो अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है, अब टूरिस्टों के लिए असुरक्षित लगने लगा है। लोग कह रहे हैं, "पहले जिंदगी, घूमना-फिरना तो बाद में भी हो जाएगा।" यही वजह है कि टूरिस्ट पैरों तले जमीन खिसकते ही बुकिंग कैंसिल कर कश्मीर छोड़कर भाग रहे हैं। इस हमले ने न सिर्फ लोगों का भरोसा तोड़ा, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी गहरी चोट पहुंचाई है। आइए, पिछले एक हफ्ते में हुए नुकसान की पूरी कहानी जानते हैं।
टूरिस्टों का टूटा भरोसा, 80% बुकिंग कैंसिल
पहलगाम हमला सिर्फ जिंदगियों का नुकसान नहीं, बल्कि कश्मीर के टूरिज्म की रीढ़ तोड़ने वाला झटका है। कश्मीर, जहां हर साल लाखों लोग घूमने आते थे, अब सन्नाटे में डूबा है। हमले के बाद सरकार ने 87 में से 48 टूरिस्ट स्पॉट्स को सुरक्षा के नाम पर बंद कर दिया। ट्रैवेल एजेंट्स के मुताबिक, 80% बुकिंग्स कैंसिल हो चुकी हैं। लोग डर के मारे कश्मीर आने से कतरा रहे हैं। वैसे तो टूरिस्टों पर हमले कम ही होते हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में अनंतनाग और पहलगाम जैसी जगहों पर सिविलियन्स को निशाना बनाया जा रहा है।
अर्थव्यवस्था को गहरा झटका
हमले से पहले कश्मीर की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही थी। 2024-25 में GSDP के 7.06% बढ़ने की उम्मीद थी। 2019 से 2025 तक कश्मीर की ग्रोथ रेट 4.89% रही। 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय 1,54,703 रुपये तक पहुंचने का अनुमान था। 2018 से 2023 तक आतंकी घटनाएं घटने से इकॉनमी में सुधार आया था। लेकिन अब टूरिज्म को सबसे बड़ा नुकसान हुआ है। कश्मीर की GSDP में टूरिज्म का योगदान 7-8% है, और इस हमले ने इस सेक्टर को ठप कर दिया।
टूरिज्म का बुरा हाल
हमले ने कश्मीर के टूरिज्म को ऐसा झटका दिया कि होटल, शिकारा, टैक्सी ड्राइवर्स, घोड़े वाले और हस्तशिल्प का काम करने वालों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गई। ट्रैवेल एजेंट्स का कहना है कि खासकर पूर्वी भारत, खास तौर पर पश्चिम बंगाल से आने वाले टूरिस्ट्स, जो हर साल 30% का हिस्सा होते हैं, अब कम हो रहे हैं। 2024 में 2.36 करोड़ टूरिस्ट्स आए थे, लेकिन अब बुकिंग्स ठप हैं। होटल मालिकों का कहना है कि मई तक की बुकिंग्स कैंसिल हो चुकी हैं।
कश्मीर की केंद्र पर निर्भरता
कश्मीर की इकॉनमी काफी हद तक केंद्र सरकार पर टिकी है। 2024-25 के बजट में 46% से ज्यादा रेवेन्यू केंद्रीय अनुदानों से और 10% केंद्र प्रायोजित योजनाओं से आने का अनुमान था। सिर्फ 8% रेवेन्यू नॉन-टैक्स सोर्स से और 18% स्टेट टैक्स से आता है। इतने सालों में पहली बार रेवेन्यू में इतनी बढ़ोतरी देखी गई थी, लेकिन इस हमले ने सब पर पानी फेर दिया। टूरिज्म ठप होने से कश्मीर की इकॉनमी को करोड़ों का नुकसान हुआ है, और इसका असर लंबे वक्त तक दिख सकता है।
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