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Pahalgam Attack: आतंक के खिलाफ कश्मीर के अखबारों ने ऐसे जताया विरोध, ब्लैक कलर में रंग डाले फ्रंट पेज

पहलगाम आतंकी हमले में 26 मौतों के बाद कश्मीर के अखबारों ने फ्रंट पेज काला किया, जनता ने कैंडल मार्च और बाजार बंद कर जताया विरोध।
01:03 PM Apr 23, 2025 IST | Rohit Agrawal
पहलगाम आतंकी हमले में 26 मौतों के बाद कश्मीर के अखबारों ने फ्रंट पेज काला किया, जनता ने कैंडल मार्च और बाजार बंद कर जताया विरोध।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले ने 26 लोगों की जान ले ली। लश्कर-ए-तैयबा की शाखा TRF ने पर्यटकों को निशाना बनाया, जिसके बाद कश्मीर के अखबारों ने अनोखा और विशेष विरोध जताया। दरअसल ‘ग्रेटर कश्मीर’, ‘कश्मीर उजमा’ और ‘राइजिंग कश्मीर’ जैसे कश्मीरी अखबारों ने 23 अप्रैल को फ्रंट पेज काला कर आतंकवाद की निंदा की। वहीं वहां के स्थानीय लोग कैंडल मार्च और बाजार बंद कर शोक मना रहे हैं। आइए, इस पूरी कहानी को बारीकी से समझने का प्रयास करते हैं!

विरोध में अखबारों ने काला किया अपना फ्रंट पेज

पहलगाम के बैसरन में हुए हमले के विरोध में कश्मीर के प्रमुख अखबारों ने फ्रंट पेज काला कर दिया। ‘ग्रेटर कश्मीर’ ने सफेद शीर्षक में लिखा, “Gruesome: Kashmir Gutted, Kashmiris Grieving” और लाल उपशीर्षक में, “26 Killed in Deadly Terror Attack in Pahalgam.” ‘कश्मीर उजमा’ और ‘राइजिंग कश्मीर’ ने उर्दू में काले पन्नों पर शोक और गुस्सा जताया। ‘आफताब’ और ‘तैमील इरशाद’ ने भी हिंसा के खिलाफ एकजुटता दिखाई। यह कदम कश्मीर की आत्मा पर हमले के खिलाफ सामूहिक दुख और प्रतिरोध का प्रतीक है।

अखबारों के संपादकीय में गूंजा दर्द

‘ग्रेटर कश्मीर’ के संपादकीय “The Massacre in the Meadow - Protect Kashmir’s Soul” ने लिकहा कि यह हमला सिर्फ लोगों पर नहीं, कश्मीर की पहचान, आतिथ्य और शांति पर चोट है।” अखबार ने कहा कि पहलगाम, जो ‘धरती का स्वर्ग’ बनने की कोशिश कर रहा था, अब शोक में डूबा है। संपादकीय ने खुफिया तंत्र मजबूत करने, समुदायों को जोड़ने और आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की मांग की। इसने लिखा, “कश्मीरी दशकों से हिंसा झेल रहे हैं, मगर टूटे नहीं। हमें बंटने नहीं, आतंक के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत है।”

पहलगाम हमले पर जनता का फूटा गुस्सा

बैसरन घाटी में आतंकियों ने रेकी कर AK-47 से पर्यटकों पर उस समय गोलीबारी की, जब वे घुड़सवारी कर रहे थे। जिसमें 24 भारतीय, 2 विदेशी और एक नौसेना अधिकारी मारे गए। स्थानीय सैयद हुसैन शाह ने बताया कि कोई सुरक्षा नहीं थी।” इसको लेकर मंगलवार को कैंडल मार्च निकले, बुधवार को बाजार बंद रहे। पीएम मोदी ने सऊदी दौरा रद्द कर श्रीनगर में बैठक की। गृह मंत्री अमित शाह बैसरन पहुंचे, CM उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शोक जताया।

क्यों अहम है यह विरोध?

अखबारों का काला फ्रंट पेज कश्मीर के दर्द और प्रतिरोध का प्रतीक है। यह हमला अमरनाथ यात्रा (3 जुलाई से शुरू) से पहले पर्यटन और शांति की छवि पर चोट है। अखबारों ने सरकार और नागरिकों से एकजुट होकर आतंकवाद को कुचलने की अपील की।

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