धर्म के नाम पर कत्ल बर्दाश्त नहीं... बहरीन में ओवैसी ने PAK को ऐसे पढ़ाया इस्लाम का पाठ, जानिए
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक नई जंग छेड़ी है और यह जंग सीमा पर नहीं, बल्कि वैश्विक मंचों पर लड़ी जा रही है। इसी कड़ी में बहरीन में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान को उसके ही खेल में मात देते हुए उसके आतंकी चेहरे को बेनकाब किया। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जिस तरह पाकिस्तान की पोल खोली, वह चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि "पाकिस्तान ने कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया, निर्दोषों के खून को हलाल बताया... जबकि इस्लाम साफ कहता है कि एक मासूम की हत्या पूरी इंसानियत की हत्या के बराबर है!" यह वही ओवैसी हैं जिन्हें अक्सर 'सॉफ्ट सेपरेटिस्ट' कहा जाता है, लेकिन आज वे भारत की तरफ से सबसे मुखर आवाज बनकर उभरे हैं।
क्या FATF की ग्रे लिस्ट में वापस जायेगा पाकिस्तान?
बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन सरकार के सामने एक स्पष्ट मांग रखी है कि"पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डालो!" ओवैसी ने इस पर जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा बहरीन और अन्य देशों से मिलने वाली आर्थिक मदद का इस्तेमाल आतंकवाद को फंड करने में किया जा रहा है।
#WATCH | Manama, Bahrain: During an interaction with the prominent personalities, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says, " ...Our govt has taken all the steps to protect the lives of every Indian. This govt has made very clear next time you (Pakistan) take up this misadventure, it will… pic.twitter.com/pIV0B04e9h
— ANI (@ANI) May 24, 2025
उन्होंने चेतावनी दी कि"जब तक पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता रहेगा, भारत समेत पूरी दुनिया को खतरा बना रहेगा।" यह पहली बार है जब एक भारतीय मुस्लिम नेता अंतरराष्ट्रीय मंच से पाकिस्तान के 'इस्लामिक टेररिज्म' के नैरेटिव को चुनौती दे रहा है।
"पाकिस्तान ही है असली आतंक की जड़": ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में हुए सम्मेलन में एक ऐतिहासिक बयान देते हुए कहा कि"भारत में आतंकवाद की समस्या सिर्फ और सिर्फ पाकिस्तान की वजह से है!" उन्होंने पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तानी आतंकी संगठनों ने धर्म के नाम पर युवाओं को ब्रेनवाश करके हत्याएं करवाईं। ओवैसी ने जोर देकर कहा कि "हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश की सुरक्षा पर सभी एकमत हैं।" यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ओवैसी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान को भारतीय मुसलमानों और इस्लाम का 'झूठा चैंपियन' बताया।
कैसे भारत ने शुरू किया डिप्लोमेटिक ऑपरेशन?
बहरीन भारतीय प्रतिनिधिमंडल की वैश्विक यात्रा का सिर्फ एक पड़ाव है। बैजयंत पांडा, निशिकांत दुबे, गुलाम नबी आजाद और ओवैसी जैसे विभिन्न दलों के नेताओं को मिलाकर बने इस दल का मकसद 33 देशों में जाकर पाकिस्तान के आतंकी रिकॉर्ड को उजागर करना है। यह रणनीति काम कर रही है। पिछले एक महीने में यूरोप और मध्य पूर्व के कई देशों ने पाकिस्तान से रिश्तों पर पुनर्विचार शुरू कर दिया है। भारत का संदेश साफ है कि"या तो आतंकवाद के खिलाफ खड़े हों, या फिर पाकिस्तान के साथ अलग-थलग हो जाएं।
क्या ओवैसी का बयान बदलेगा इस्लामिक देशों का नजरिया?
असदुद्दीन ओवैसी ने बहरीन में जिस तरह पाकिस्तान के 'धार्मिक आतंकवाद' को चुनौती दी, वह भारत की कूटनीतिक जीत है। अब तक पाकिस्तान खुद को इस्लाम का 'रक्षक' बताकर मुस्लिम देशों का समर्थन हासिल करता रहा है, लेकिन ओवैसी जैसे नेताओं ने इस झूठ को उजागर कर दिया है। सवाल यह है कि क्या बहरीन और अन्य गल्फ देश FATF पर दबाव बनाएंगे? क्या पाकिस्तान को आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा? एक बात तय है - भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जो डिप्लोमेटिक जंग छेड़ी है, वह अब सीमा पार से आगे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच चुकी है। और इस जंग में ओवैसी जैसे 'अप्रत्याशित हथियार' भारत के लिए वरदान साबित हो रहे हैं!
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