अमेरिकी राष्ट्रपति पाकिस्तान का समर्थन क्यों? क्रिप्टो डील का रहस्य उजागर, राजनीति में बड़ा ड्रामा
Operation Sindoor: पाकिस्तान ने हाल ही में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल (WLF) नामक एक क्रिप्टोकरेंसी कंपनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस कंपनी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के परिवार की 60% हिस्सेदारी है। यह डील उस समय हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है, (Operation Sindoor) खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद। इस समझौते ने क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ट्रंप ने अपने परिवार के लाभ के लिए भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की है?
पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल और WLF के बीच समझौता
यह डील पाकिस्तान की नई ‘पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल’ और WLF के बीच साइन की गई थी। इस काउंसिल ने हाल ही में बाइनेंस के फाउंडर चांगपेंग झाओ को अपना सलाहकार नियुक्त किया है, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाना है। रिपोर्ट के अनुसार, यह काउंसिल मात्र एक महीने पुरानी है, फिर भी डील के लिए WLF के प्रतिनिधिमंडल में कई प्रमुख हस्तियां शामिल थीं। इनमें ट्रंप के करीबी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकरी विटकॉफ भी शामिल थे, जिन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने विशेष सम्मान दिया।
पहलगाम हमले के बाद...
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद, पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल और WLF ने 26 अप्रैल को इस्लामाबाद में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते का उद्देश्य पाकिस्तान में ब्लॉकचेन तकनीक और डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) को बढ़ावा देना है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने इसे “डिजिटल वित्त क्रांति में पाकिस्तान को वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम” बताया। दक्षिण एशिया के विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप का अचानक रुचि दिखाना केवल राजनयिक नहीं, बल्कि आर्थिक रणनीति भी हो सकती है।
ट्रंप परिवार की हिस्सेदारी
WLF में ट्रंप के बेटे एरिक और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर, साथ ही उनके दामाद जैरेड कुश्नर भी हिस्सेदार हैं। ये सभी हाल के वर्षों में वैश्विक स्तर पर फायदे के सौदे तलाशते रहे हैं। विटकॉफ, जो न्यूयॉर्क के एक बड़े रियल एस्टेट अरबपति हैं, ट्रंप के मार-ए-लागो रिसॉर्ट के नियमित सदस्य हैं। अब ट्रंप ने उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध सुलझाने की जिम्मेदारी दी है।
अमेरिका चौधरी क्यों बन रहा है?
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में कई सटीक हमले किए। ऐसे में ट्रंप ने कथित तौर पर मध्यस्थता कर दी। कुछ दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने इस संघर्ष से दूर रहने की बात कही थी, लेकिन अब वे मध्यस्थता का श्रेय ले रहे हैं। इस स्थिति में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप ने अपने परिवार के फायदे के लिए पाकिस्तान को भारत के हमलों से बचाने की कोशिश की?
WLF एक डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस प्लेटफॉर्म है, जिसकी 60% हिस्सेदारी DT Marks DEFI LLC के पास है, जो ट्रंप परिवार से जुड़ी एक इकाई है। कंपनी ने अक्टूबर 2024 में WLFI टोकन बेचकर 300 मिलियन डॉलर जुटाने की योजना बनाई है। हाल ही में WLF ने अबू धाबी की एक सरकारी निवेश फर्म के साथ 2 बिलियन डॉलर का सौदा भी किया है, जिससे ट्रंप परिवार के कारोबारी हितों और विदेश नीति के बीच संभावित टकराव के सवाल उठ रहे हैं।
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