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Operation Sindoor: क्या काम करती है आर्मी की SIGNALS कोर, जिसमें कर्नल की पोस्ट पर तैनात हैं सोफिया कुरैशी

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को तबाह किया। जानिए कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं और उनकी सिग्नल्स कोर सेना में कम्युनिकेशन और साइबर सिक्योरिटी कैसे संभालती है।
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भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय सेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों से हवाई हमले किए। इस ऑपरेशन का नाम रखा गया है ऑपरेशन सिंदूर। हमले के बाद पाकिस्तान ने भी पलटवार की कोशिश की और LoC व इंटरनेशनल बॉर्डर पर आर्टिलरी फायरिंग शुरू कर दी। इस ऑपरेशन की पूरी जानकारी देने के लिए नई दिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने हिस्सा लिया।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से कर्नल सोफिया कुरैशी सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं कि आखिर वो कौन हैं और उनकी सिग्नल्स कोर क्या काम करती है। तो चलिए, इसे आसान और देसी अंदाज में समझते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर: क्या हुआ और क्यों?

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसमें ज्यादातर टूरिस्ट थे। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। ये हमले 7 मई की सुबह 1:05 से 1:30 बजे के बीच हुए। भारतीय सेना ने इसे इतनी सटीकता से अंजाम दिया कि कोई सिविलियन हताहत न हो। इस ऑपरेशन की ब्रीफिंग में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दुनिया को बताया कि कैसे भारत ने आतंकियों की कमर तोड़ दी।

कर्नल सोफिया कुरैशी: कौन हैं ये सुपर वुमन?

कर्नल सोफिया कुरैशी गुजरात के वडोदरा की रहने वाली हैं। 1981 में जन्मी सोफिया ने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पीएचडी शुरू की, लेकिन उसे छोड़कर 1999 में भारतीय सेना जॉइन कर लिया। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग लेकर वो सेना में शामिल हुईं। सोफिया के दादा भी सेना में थे, और उनकी शादी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई, जो मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री में हैं।

सोफिया ने 2016 में इतिहास रचा, जब वो एक्सरसाइज फोर्स 18 में भारतीय दल की कमांडर बनीं। ये एक मल्टीनेशनल मिलिट्री एक्सरसाइज थी, जिसमें 18 देशों ने हिस्सा लिया, और सोफिया इकलौती महिला कमांडर थीं। आज वो सिग्नल्स कोर में कर्नल के पद पर हैं और ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग देकर सुर्खियों में हैं।

सिग्नल्स कोर: सेना का ‘नर्व सेंटर’

सिग्नल्स कोर भारतीय सेना की वो शाखा है, जो सेना के सारे कम्युनिकेशन को संभालती है। आसान भाषा में कहें तो ये सेना का ‘वॉकी-टॉकी’ और ‘इंटरनेट’ सिस्टम है। चाहे जंग का मैदान हो या शांति का मिशन, सिग्नल्स कोर सुनिश्चित करती है कि कमांडरों और सैनिकों के बीच बातचीत बिना रुकावट हो। ये लोग सेना के लिए सिक्योर फोन लाइन, रेडियो, सैटेलाइट कम्युनिकेशन और इंटरनेट सिस्टम बनाते और चलाते हैं।

सिग्नल्स कोर का काम सिर्फ बातचीत तक सीमित नहीं। ये साइबर सिक्योरिटी भी देखती है, यानी दुश्मन के हैकर्स से सेना के नेटवर्क को बचाना। इसके अलावा, ये डेटा सेंटर्स, सर्वर और सिक्योर नेटवर्क को मैनेज करती है। सिग्नल्स कोर की खास टीमें होती हैं:
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टीम: दुश्मन के रेडियो और कम्युनिकेशन को जाम करती है और उनकी जासूसी करती है।
साइबर सिक्योरिटी टीम: सेना के नेटवर्क को साइबर हमलों से बचाती है।
वायु रक्षा कम्युनिकेशन टीम: हवाई हमलों के दौरान सही और तेज कम्युनिकेशन बनाए रखती है।
कर्नल सोफिया कुरैशी इसी सिग्नल्स कोर का हिस्सा हैं, जो सेना की रीढ़ की तरह काम करती है।

क्यों ट्रेंड कर रही हैं सोफिया?

ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग में सोफिया कुरैशी और व्योमिका सिंह का सामने आना अपने आप में एक बड़ा मैसेज था। दो महिला ऑफिसर्स का इतने बड़े ऑपरेशन की जानकारी देना ये दिखाता है कि भारतीय सेना में महिलाएं अब हर मोर्चे पर लीड कर रही हैं। सोशल मीडिया पर लोग सोफिया की तारीफ कर रहे हैं, क्योंकि वो न सिर्फ एक शानदार ऑफिसर हैं, बल्कि एक इंस्पिरेशन भी। उनकी कहानी युवाओं, खासकर लड़कियों को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रही है।

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