ऑपरेशन सिंदूर के बाद श्रीनगर पहुंचे राजनाथ सिंह, बोले- अब आतंक का खात्मा तय है, समझ लें
Operation Sindoor: श्रीनगर की धरती पर जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे, तो माहौल सिर्फ सैन्य समीक्षा का नहीं था, बल्कि यह एक सशक्त संदेश देने का भी अवसर बन गया...एक ऐसा संदेश जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ बदली हुई रणनीति और दृढ़ इच्छाशक्ति को साफ तौर पर दर्शाता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद घाटी की यह उनकी पहली यात्रा थी और हर शब्द में आत्मविश्वास, गौरव और दृढ़ता झलक रही थी।
राजनाथ सिंह ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह सिर्फ एक रक्षा मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि एक गर्वित भारतीय नागरिक के रूप में उनका आभार प्रकट करने आए हैं। (Operation Sindoor) उन्होंने कहा, “जिन परिस्थितियों में आपने बहादुरी दिखाई, वो भारत के इतिहास में दर्ज हो चुकी हैं। आपने दुश्मन के ठिकानों को होश और जोश के साथ ध्वस्त किया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' अब तक की सबसे निर्णायक कार्रवाई है जो भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अंजाम दी है।
अब पीओके पर बात होगी
रक्षा मंत्री ने छावनी में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं मानता हूं कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ की गई यह आतंक की अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। हमने दुनिया को बताया कि हम आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने भारत के मस्तिष्क पर वार किया तो हमने उनकी छाती पर वार किया। पाकिस्तान ने हमें धोखा दिया है हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो टूक शब्दों में आतंकवाद को डिफाइन कर दिया है। उन्होंने कह दिया कि अब कोई भी आतंकी वारदात एक्ट ऑफ वार मानी जाएगी। अगर सरहद पर कोई घटना हुई तो यह बात बहुत दूर तक जाएगी। अब बात आतंकवाद पर नहीं सिर्फ पीओके पर होगी। दुनिया जानती है कि हमारी सेना का निशाना अचूक होता है।
जहां कुमति तहं विपत निधाना
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है। हाल ही में वह आईएमएफ से कर्ज मांगने गया। जबकि भारत उसी आईएमएफ को फंड देता है। इस दौरान उन्होंने रामचरित मानस के दोहे का जिक्र भी किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि जहां सुमति तहं संपति नाना, जहां कुमति तहं विपत निधाना। यानी जहां पर सुमति होती है, वहां संपन्नता आती है, जहां पर कुमति होती है, वहां पर विपत्ति आती है।
पाक जैसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्र के हाथों में परमाणु
अपने संबोधन में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी बड़ा सवाल पूछा...क्या पाकिस्तान जैसे गैर-जिम्मेदार राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? उन्होंने मांग की कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लाया जाना चाहिए ताकि वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। रक्षा मंत्री ने सेना के साहस को सलाम करते हुए कहा कि दुनिया जानती है भारत की सेना जब निशाना लगाती है, तो दुश्मन गिनती करता है। उन्होंने कहा, हमने धर्म नहीं, कर्म देखा है...आतंकवादियों ने मजहब के नाम पर मारा, लेकिन हमने जवाब न्याय के आधार पर दिया।
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