भारतीय सेना का बड़ा ऐलान! अगली जंग नए तरीके से लड़ी जाएगी, पाकिस्तान के लिए खुली चेतावनी!
Operation Sindoor:भारत ने जिस सटीकता के साथ पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) में आतंकी ढांचे पर टारगेटेड हमले किए और पाकिस्तान एयरफोर्स के आठ अहम एयरबेस को ध्वस्त कर दिया, उससे दुनिया हैरान रह गई। फिर भारत सीजफायर पर सहमत क्यों हुआ? सीजफायर के लिए किसने कहा? 10 मई को जब भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तानी वायुसेना के प्रमुख ठिकानों पर बमबारी करना शुरू किया तो पाकिस्तान सदमे में आ गया। (Operation Sindoor)भारत की मारक क्षमता देख पाकिस्तान की आंखें फटी रह गईं। पाकिस्तान को इस बात का डर हो गया कि कहीं ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें उसके परमाणु नियंत्रण और कमांड सेंटर को निशाना न बना लें। उसने अमेरिका को फोन किया और इस डर को अमेरिका के सामने जाहिर किया।
हमारे ऑपरेशन सिर्फ जवाब नहीं हैं...
भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने साफ शब्दों में कहा...हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, लेकिन अगर कोई सेना आतंकियों की ढाल बनती है, तो वह भी इस टकराव की जिम्मेदार होगी। भारतीय सेना अब पारंपरिक प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि संघर्ष की प्रकृति को ही परिभाषित कर रही है। भारती ने कहा...हमारे ऑपरेशन सिर्फ जवाब नहीं हैं, वे संदेश हैं। पाकिस्तान को अब यह समझ लेना होगा कि अगली लड़ाई हमारे तय किए गए मानकों पर लड़ी जाएगी...और हम उसके लिए पूरी तरह तैयार हैं।
हर लहर पर नजर, हर साये पर शक
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय नौसेना ने समुद्री सीमाओं की निगरानी में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा, "हमारे समुद्री गश्ती विमान और उन्नत रडार सिस्टम लगातार खतरों की पहचान कर रहे थे। हमने ड्रोन, हाई-स्पीड मिसाइल और दुश्मन एयरक्राफ्ट्स को समय रहते ट्रैक कर उन्हें निष्क्रिय किया। उन्होंने बताया कि नौसेना के पायलट्स दिन-रात हाई अलर्ट पर थे, और मिग-29 जैसे फाइटर जेट्स एयरक्राफ्ट कैरियर से एक्शन के लिए तैनात थे। हमारे समुद्री क्षेत्र की ओर बढ़ते किसी भी संदिग्ध पोत को अब कई सौ किलोमीटर दूर से ही रोक दिया जाता है। यह आज की भारतीय नौसेना है—तत्पर, सक्षम और निर्णायक।
एयरफील्ड तक दुश्मन को...
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की बहुस्तरीय संरचना को समझाते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से लेकर एयरफील्ड तक दुश्मन को पार करना अब लगभग असंभव है।
उन्होंने इसे क्रिकेट के एक उदाहरण से जोड़ते हुए कहा...जिस तरह 70 के दशक में जेफ थॉमसन और डेनिस लिली की गेंदबाज़ी ने इंग्लिश बल्लेबाजों को हिलाकर रख दिया था, उसी तरह आज भारतीय सेना की परत-दर-परत सुरक्षा व्यवस्था किसी भी घुसपैठ की कोशिश को जड़ से खत्म कर देती है।
उन्होंने भावनात्मक लहजे में यह भी जोड़ा कि...आज का भारत विराट कोहली की तरह है...धैर्यवान, लेकिन आक्रामक जब जरूरत हो। उनके संन्यास ने हम सबको भावुक किया, लेकिन हमारी प्रेरणा और प्रतिबद्धता उतनी ही मजबूत बनी हुई है। घई ने बीएसएफ की भूमिका की भी प्रशंसा की, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में सेना के प्रयासों का हिस्सा बनी। उन्होंने कहा, "हमारी मल्टी-टियर कमांड स्ट्रक्चर में बीएसएफ ने अपनी जिम्मेदारी से कहीं बढ़कर योगदान दिया। जब हर जवान का हौसला ऊंचा हो, तो कोई भी सीमा असुरक्षित नहीं रह सकती। हर लड़ाई वैसी नहीं होगी, जैसी पहले हुई थी
140 करोड़ लोगों की उम्मीदों की रक्षा
तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने यह भी दोहराया कि "हमारी सबसे बड़ी ताकत सिर्फ हमारा हथियार या तकनीक नहीं, बल्कि वह भरोसा है जो 140 करोड़ भारतीय हम पर करते हैं." यह भरोसा ही ऑपरेशन सिंदूर की रीढ़ था और भविष्य की हर रणनीति का आधार भी यही होगा।
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