ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना ने पाकिस्तान में उड़ाए आतंकी ठिकाने, कसाब-हेडली जैसे आतंकियों को मिली थी वहां ट्रेनिंग
पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले का हिसाब-किताब भारतीय सेना ने बराबर कर दिया है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान और PoK में आतंकियों के 9 ठिकानों को एयरस्ट्राइक से तबाह कर दिया। इस धमाकेदार कार्रवाई में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वॉर्टर धूल में मिल गए। खबर है कि इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 24 लोग मारे गए, जिसमें उसकी पत्नी, बेटा और भाई भी शामिल हैं। मसूद का एक भाई रऊफ असगर बुरी तरह जख्मी है। लेकिन सवाल ये है कि इन ठिकानों पर आखिर कौन-कौन से आतंकी ट्रेनिंग लेते थे? चलिए, बताते हैं पूरा माजरा।
किन आतंकियों को मिली थी ट्रेनिंग?
भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद कई चौंकाने वाली जानकारियां शेयर की हैं। इन तबाह हुए ठिकानों में वो कैंप शामिल हैं, जहां मुंबई हमले के गुनहगार अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे खूंखार आतंकियों को ट्रेनिंग दी गई थी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और कमांडर व्योमिका सिंह ने 7 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पहलगाम हमले के पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए भारत ने ये बड़ा कदम उठाया। इन कैंपों में आतंकियों को हथियार चलाने, बम बनाने और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती थी। खासकर, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी यहां तैयार किए जाते थे।
कसाब और हेडली ने क्या-क्या किया?
26/11/2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। इस हमले में 10 आतंकी पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते मुंबई आए थे। इनमें से अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। इस हमले की साजिश में डेविड हेडली का बड़ा रोल था। हेडली ने हमले से पहले 8 बार मुंबई की रेकी की थी और पूरी प्लानिंग लश्कर-ए-तैयबा को सौंपी थी। हमले के बाद भी वो एक बार भारत आया था। इन दोनों ने मुरीदके और बहावलपुर जैसे ठिकानों पर ट्रेनिंग ली थी, जो अब 'ऑपरेशन सिंदूर' में तबाह हो चुके हैं।
भारत ने कब और क्या किया?
7 मई की रात 1:44 बजे भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बड़ा ऐलान किया। मंत्रालय ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइलों से हमला किया गया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर हेडक्वॉर्टर और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके कैंप शामिल हैं। पाकिस्तान ने भी अपने इलाकों में हमलों की पुष्टि की है। पाकिस्तानी सेना के मुताबिक, अहमदपुर ईस्ट में 4, मुजफ्फराबाद में 7, कोटली में 5, मुरीदके में 4, सियालकोट-कोटली लुहारा में 2-2 और शक्करगढ़ में 2 स्ट्राइक हुईं। भारत ने साफ किया कि ये हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों पर किए गए, किसी पाकिस्तानी मिलिट्री बेस को निशाना नहीं बनाया गया।
क्यों खास है ऑपरेशन सिंदूर?
ये ऑपरेशन सिर्फ बदला लेने का नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का सबूत है। सेना ने सटीक निशाने लगाए, ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो। इस कार्रवाई में तीनों सेनाओं- थल, वायु और नौसेना ने मिलकर काम किया। पीएम मोदी ने खुद इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग की और एनएसए अजीत डोभाल ने कमान संभाली। अब पाकिस्तान में हाहाकार मचा है, लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकियों को पनाह देने की सजा भुगतनी पड़ेगी।
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