'Operation Sindoor' की इनसाइड स्टोरी: कब बना प्लान, कहां हुआ एक्शन और कैसे कांपे पाकिस्तान के होश? जानिए पूरी डिटेल्स
India Hits Terrorist Bases In Pak: रात के सन्नाटे में गूंजती मिसाइलों की आवाज ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी। 7 मई की आधी रात, जब पाकिस्तानी सेना अपने ठिकानों में आराम फरमा रही थी, भारतीय सुरक्षा बलों ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और POK में बसे 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। यह कोई सामान्य जवाबी कार्रवाई नहीं थी बल्कि 1971 के युद्ध के बाद भारत की सबसे बड़ी सैन्य कार्रवाई थी जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के गढ़ों को चुन-चुन कर नष्ट किया गया।
15 दिन की सटीक तैयारी के बाद कैसे दिया हमले को अंजाम?
पहलगाम हमले के बाद से ही भारतीय खुफिया एजेंसियां आतंकियों के ठिकानों की पहचान में जुटी थीं। रॉ और NIA ने जैश व लश्कर के 9 प्रमुख अड्डों की सटीक लोकेशन पकड़ी थी। बुधवार रात 1 बजे, भारतीय वायुसेना के राफेल और सुखोई विमानों ने सटीक निशानेबाजी करते हुए पाकिस्तान के बहावलपुर (जैश का मुख्यालय) और मुरीदके (लश्कर का हेडक्वार्टर) समेत 9 लक्ष्यों पर 24 मिसाइलें दागीं। पूरे ऑपरेशन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वॉर रूम में मौजूद रहे, जबकि CDS अनिल चौहान ने तीनों सेनाओं को कोऑर्डिनेट किया।
कहाँ-कहाँ हुए हमले?
भारत ने पाकिस्तान के 4 और पीओके के 5 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया:
पाकिस्तान में टारगेट
- बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय (1999 से आतंकियों का गढ़)
- मुरीदके – लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर (हाफिज सईद का ठिकाना)
- सियालकोट – आतंकियों के ट्रेनिंग कैंप
- अहमदपुर ईस्ट – हिज्बुल मुजाहिद्दीन का अड्डा
पीओके में टारगेट
- मुजफ्फराबाद – आतंकियों का कमांड सेंटर
- कोटली – आतंकी फंडिंग का केंद्र
- भीमबेर – ट्रांजिट कैंप
- चेक आमरू – आतंकियों की हाइडआउट
- गुलपुर – हथियारों की सप्लाई लाइन
पाकिस्तान ने शुरू की झूठे दावों की बौछार
हमले के बाद पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने भ्रम फैलाने की नाकाम कोशिश की। उन्होंने दावा किया कि भारत के 5 लड़ाकू विमान मार गिराए गए, जबकि भारतीय वायुसेना ने स्पष्ट किया कि उनका एक भी विमान नहीं खोया। पाकिस्तान ने एक 3 साल की बच्ची की मौत का झूठा नाटक भी किया, लेकिन कोई सबूत नहीं दिया। असल में, भारतीय मिसाइलों ने इतनी सटीक मार की कि पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली कुछ नहीं कर पाई। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, इस हमले में जैश के 4 कमांडर और लश्कर के 3 प्रमुख आतंकी मारे गए हैं।
क्यों खास है 'ऑपरेशन सिंदूर'?
- 2019 के बालाकोट से भी बड़ा हमला – इस बार सीधे पाकिस्तान के अंदरूनी इलाकों में टारगेट किया गया।
- आतंकियों को सीधा नुकसान – जैश और लश्कर के कमांडरों के मारे जाने की खबरें।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन – अमेरिका, फ्रांस और इजरायल ने भारत के अधिकार का समर्थन किया।
पाकिस्तान के सामने मुश्किलों का पहाड़
इस हमले ने पाकिस्तान को सैन्य और कूटनीतिक दोनों मोर्चों पर घेर लिया है। एक तरफ जहां FATF फिर से पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने की तैयारी कर रहा है, वहीं अमेरिका और फ्रांस ने भारत के अधिकार का समर्थन किया है। पाकिस्तानी सेना "जवाबी कार्रवाई" की धमकी दे रही है, लेकिन उसकी टूटती अर्थव्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय अलगाव उसे बड़ी कार्रवाई से रोकेंगे। भारत ने साफ संदेश दे दिया है ।अब हर आतंकी हमले की कीमत पाकिस्तान को चुकानी होगी।
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