जानिए क्यों भड़की कांग्रेस, डेलिगेशन में अनदेखी पर मोदी सरकार पर तेज वार, राष्ट्रीय सुरक्षा पर बवाल!
Operation Sindoor Delegation: पाकिस्तान के आतंकवाद का चेहरा विश्व में उजागर करने और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से अवगत कराने केंद्र सरकार ने 7 सांसदों की लीड में डेलिगेशन चुना है। ये लोग श्विक मंचों पर पाकिस्तान पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर झूठे प्रचार की पोल खोलेंगे। हालांकि कांग्रेस ने डेलिगेशन में अनदेखी का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम सुझाए थे, उनमें से सिर्फ एक को चुना गया है।
हद तो तब हो गई, जब कांग्रेस ने अपने भेजे चार नामों में शशि थरूर का नाम शामिल नहीं किया है। बावजूद इसके मोदी सरकार ने उन्हें डेलिगेशन में शामिल किया है। (Operation Sindoor Delegation) इस पर कांग्रेस कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पाकिस्तान से जुड़े राष्ट्रीय मुद्दे पर विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडलों में कांग्रेस नेताओं को जानबूझकर दरकिनार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि सरकार किस तरह राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर भी राजनीतिक खेल खेलने से पीछे नहीं हटती।
जयराम रमेश का आरोप
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा...यह दिखाता है कि मोदी सरकार कितनी असंवेदनशील है और कैसे वह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर भी सस्ती राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन नेताओं की विदेश दौरे में भागीदारी का समर्थन करती है, लेकिन यह भी साफ करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा जिस तरह से संसदीय परंपराओं को नजरअंदाज कर रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। रमेश ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और 22 फरवरी, 1994 को अपनाए गए संकल्प को दोहराने तथा इसके बाद के घटनाक्रमों पर ध्यान देने के लिए संसद के विशेष सत्र की मांग से ध्यान नहीं भटकाना चाहिए। थरूर को एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई, जो सरकार पर “शरारती” मानसिकता के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया।
51 नेता जाएंगे विदेश
आपको बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न देशों की राजधानियों की यात्रा करने वाले सात प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद, ब्यूरोक्रेट्स और पूर्व मंत्री शामिल हैं. इस कूटनीतिक अभियान में कुल 51 नेताओं को सात दलों में बांटा गया है, जिसमें 31 सत्तारूढ़ एनडीए और 20 गैर-एनडीए से हैं. यह दल अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, खाड़ी और लैटिन अमेरिकी देशों का दौरा करेंगे।
बैजयंत पांडा, रवि शंकर प्रसाद (दोनों बीजेपी), संजय कुमार झा (जेडीयू), श्रीकांत शिंदे (शिव सेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) के नेतृत्व में सात प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में ईयू मुख्यालय का दौरा करेंगे।
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