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चीन की पाकिस्तान पर मेहरबानी अब बन गई सिरदर्द, दुनियाभर में किरकिरी, खोखली ताकत उजागर!

पाक समर्थन में फंसा चीन, खोखली ताकत के दावे बेनकाब, अब दुनिया देख रही सच्चाई
01:06 PM May 18, 2025 IST | Rajesh Singhal
पाक समर्थन में फंसा चीन, खोखली ताकत के दावे बेनकाब, अब दुनिया देख रही सच्चाई

Operation Sindoor: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य तनाव ने एक बार फिर भारतीय रक्षा प्रणाली की ताकत को साबित कर दिया है. भारतीय वायुसेना ने जिस सटीकता से दुश्मन की ओर से दागी गई चीनी PL-15 मिसाइल को न केवल हवा में नष्ट किया, बल्कि उसके मलबे को भी सुरक्षित किया, उसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। (Operation Sindoor)ये कार्रवाई केवल सामरिक नहीं, रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि इससे चीन की सैन्य तकनीक पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

लाहौर के पास HQ-9P सिस्टम भी हुआ तबाह

भारतीय वायुसेना की जवाबी कार्रवाई यहीं नहीं रुकी। लाहौर के निकट स्थित पाकिस्तान के HQ-9P एयर डिफेंस सिस्टम को भी सटीक निशाने पर लेकर पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। यह सिस्टम चीन द्वारा पाकिस्तान को सौंपा गया था और इसे अत्याधुनिक तकनीक से लैस बताया जाता था। इन हमलों से स्पष्ट है कि भारत ने चीनी हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

ताकतवर देश मांग रहे PL-15 का मलबा

फाइव आईज देश (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका), फ्रांस और जापान इस मलबे को हासिल करने में रुचि दिखा रहे हैं। चूंकि पंजाब के होशियारपुर में 9 मई 2025 को इस मिसाइल के न सिर्फ टुकड़े मिले, जिसमें मिसाइल लगभग पूरी तरह से सुरक्षित भी मिली है। अब इसके पीछे वैश्विक ताकतें भी आ चुकी हैं।
भारतीय वायु सेना के एयर मार्शल भारती ने 12 मई 2025 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पाकिस्तान ने जे-10सी और जेएफ-17 लड़ाकू विमानों से ये मिसाइलें दागी थीं, लेकिन भारत की एस-400 और आकाश तीर एयर डिफेंस सिस्टम ने इन्हें नाकाम कर दिया

चीन के ‘उन्नत हथियारों’ पर उठे गंभीर सवाल

PL-15 को चीन ने हमेशा AESA रडार सीकर, डुअल-पल्स मोटर और टू-वे डेटा लिंक जैसी तकनीकों से युक्त बताकर प्रचारित किया था। इसका दावा था कि यह मिसाइल अमेरिकी AIM-120 और यूरोपीय मीटियोर जैसी मिसाइलों से भी अधिक सक्षम है। लेकिन भारत द्वारा इसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हवा में ही ध्वस्त करना इस प्रचार पर सीधा प्रहार है। अब चीन की सैन्य क्षमता को लेकर वैश्विक संदेह और आलोचना सामने आने लगी है।

रिवर्स इंजीनियरिंग का इतिहास पुराना

रिवर्स इंजीनियरिंग यानी किसी तकनीक को तोड़कर उसकी बनावट और कार्यप्रणाली समझना, सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में क्रांति ला चुका है। दुनिया भर में देशों ने दुश्मन की तकनीक को रिवर्स इंजीनियरिंग के जरिए कॉपी किया और अपनी ताकत बढ़ाई। इसे इस बात से समझ सकते हैं कि जब ओसामा बिन लादेन को मारने के दौरान अमेरिकी हेलीकॉप्टर पाकिस्तान के एटबाबाद में खराब हो गया था, तब अमेरिकी सेना ने उसे वहीं पर पूरी तरह से नष्ट कर दिया, ताकि पाकिस्तान-चीन उसकी रिवर्स इंजीनियरिंग न कर सकें।

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