पाक-चीन की मिलीभगत! आतंकिस्तान को सौंपे 10 खतरनाक हथियार, भारत के खिलाफ खुला खेल
Operation Sindoor: हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष में एक चौंकाने वाला पहलू सामने आया है। चीन की परोक्ष और रणनीतिक भागीदारी। भले ही चीन ने औपचारिक तौर पर किसी तरह की सैन्य संलिप्तता को स्वीकार नहीं किया हो, लेकिन जमीन पर मिले संकेत कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। (Operation Sindoor)विश्लेषकों और रक्षा सूत्रों द्वारा उपलब्ध कराए गए 10 प्रमुख सबूत यह दर्शाते हैं कि चीन केवल हथियार आपूर्तिकर्ता नहीं था, बल्कि वह पाकिस्तान का सक्रिय रणनीतिक साझेदार भी रहा।
1. खुफिया सैटेलाइट डेटा की लाइव सप्लाई
चीन ने अपने जासूसी सैटेलाइट्स के माध्यम से पाकिस्तान को भारत की सैन्य गतिविधियों की रियल-टाइम निगरानी की सुविधा दी. यह ISR (Intelligence, Surveillance & Reconnaissance) डेटा पाकिस्तान की सैन्य रणनीतियों में इस्तेमाल हुआ।
2. HQ-9/P एयर डिफेंस सिस्टम की मदद
संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने चीन के आधुनिक HQ-9/P एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट किया, जिसे चीन की तकनीकी सहायता से ही स्थापित और संचालित किया गया।
3. चीनी सैन्य विशेषज्ञों की मौजूदगी
कई रिपोर्टों में दावा किया गया कि पाकिस्तान के प्रमुख एयरबेस पर चीनी सैन्य सलाहकार और तकनीकी एक्सपर्ट्स मौजूद थे जो हथियारों की सेटिंग और डेटा मॉनिटरिंग में मदद कर रहे थे।
4. साझा कमांड सिस्टम की पुष्टि
इस ऑपरेशन के लिए चीन और पाकिस्तान के बीच एक वर्चुअल कमांड मॉड्यूल तैयार किया गया था, जहां से दोनों देशों के विशेषज्ञ मिलकर सामरिक निर्णय ले रहे थे।
5. साइबर वॉरफेयर और GPS जैमिंग
चीन ने पाकिस्तान को साइबर तकनीकी सहायता दी, जिससे भारतीय GPS और कम्युनिकेशन सिस्टम में बाधा डाली गई. यह भारतीय ड्रोन्स और विमानों की ट्रैकिंग में बड़ी चुनौती बनी।
6. ड्रोन संचालन में चीन की भूमिका
पाकिस्तान ने PNS मियांवाली के पास चीनी MALE ड्रोन तैनात किए, जिनका कमांड एंड कंट्रोल चीन से संचालित किया गया. इससे पाकिस्तान को निगरानी में बड़ी मदद मिली।
7. ट्रैकिंग सिस्टम की लाइव फीड
चीन ने इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) तकनीक के जरिए पाकिस्तान को भारत के विमानों की मूवमेंट की लाइव फीडिंग दी, जिससे टारगेट लोकेशन का अनुमान लगाया जा सका।
8. JDAM हमलों के लिए निर्देश
पाकिस्तान द्वारा JDAM (Joint Direct Attack Munition) मिसाइलों के प्रयोग में भी चीन ने कोऑर्डिनेशन सपोर्ट दिया, जिससे इन हमलों की सटीकता और घातकता बढ़ गई।
9. CPEC के जरिए सैन्य लॉजिस्टिक्स
चीन-पाक आर्थिक गलियारे (CPEC) का उपयोग कर चीन ने कई संवेदनशील सैन्य उपकरणों और रडार सिस्टम को बलोचिस्तान और ग्वादर के रास्ते पाकिस्तान पहुंचाया।
10. मनोवैज्ञानिक युद्ध के लिए मीडिया का इस्तेमाल
चीन ने अपने सरकारी मीडिया नेटवर्क के ज़रिए भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक प्रचार युद्ध छेड़ा, जिससे पाकिस्तान की ‘रक्षात्मक मुद्रा’ को वैश्विक मंच पर जायज़ ठहराया जा सके।
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