"फौज को 2-3 दिन का समय और मिल जाता तो..." PAK के साथ सीजफायर पर क्या बोले पूर्व DGP एसपी वैद?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को राख में मिलाकर उसकी कमर तोड़ दी, मगर 10 मई को अमेरिकी मध्यस्थता से लागू हुआ सीज़फायर देश के तमाम लोगों समेत जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद को भी रास नहीं आया। वैद ने कहा कि “फौज को 2-3 दिन और मिलते, तो पाकिस्तान को गहरी चोट पहुंचती।” पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारत ने आतंक के गढ़ को तबाह किया, मगर वैद का मानना है कि अधूरी जंग ने मौका गंवाया। ट्रंप की कश्मीर मध्यस्थता पर वैद ने ठोककर कहा, “यह भारत-पाक का मसला है, तीसरे की ज़रूरत नहीं।” यह भारत का फौलादी रुख है कि आतंक का जवाब सिर्फ़ आग से, कूटनीति बाद में।
सीज़फायर को लेकर अपनाया कड़क रुख
जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP एसपी वैद ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की तारीफ की, जिसमें 6-7 मई को भारत ने नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। ANI से बातचीत में वैद ने कहा कि “हमारी फौज ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था। 2-3 दिन और मिलते, तो आतंक का ढांचा और बिखरता। उन्होंने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले (26 पर्यटकों की हत्या) का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत का जवाब सटीक था, मगर सीज़फायर ने गति रोकी। वैद ने माना कि कूटनीति में देशहित सर्वोपरि है, मगर हर भारतीय चाहता था कि पाकिस्तान को और सबक मिले।
कश्मीर मसले पर तीसरा पक्ष स्वीकार नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से 10 मई को सीज़फायर हुआ, मगर वैद ने इसे भारत की मज़बूरी करार दिया। ट्रंप के कश्मीर मसले पर मध्यस्थता की पेशकश पर वैद ने शिमला समझौते का हवाला दिया, “कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है। हमें तीसरे पक्ष की ज़रूरत नहीं।” उन्होंने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले के बाद PoK और पाकिस्तान में आतंकी कैंप तबाह किए, मगर पाकिस्तान की जवाबी गोलीबारी और ड्रोन हमलों ने तनाव बढ़ाया। वैद ने साफ किया कि भारत अपनी शर्तों पर मसला सुलझाएगा, न कि बाहरी दबाव में।
#WATCH | Jammu | On the India-Pakistan understanding, former J&K DGP SP Vaid says, "...There are many facts that our leadership knows - there are specific issues in international diplomacy... The government has to look into the country's larger interest, and the country doesn't… pic.twitter.com/EbGprshWX5
— ANI (@ANI) May 11, 2025
भारत ने एक्पोज की बुजदिल आर्मी की कमियां
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने जैश, लश्कर, और हिज़बुल के ठिकानों को राख किया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 100 से ज़्यादा आतंकी मारे गए। S-400 और आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान के ड्रोन हमलों को बेकार किया। मगर सीज़फायर के कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में ड्रोन और गोलीबारी से समझौता तोड़ा।
वैद ने इसे पाकिस्तान की धोखेबाज़ी बताया और कहा, “हमारी फौज तैयार है, अगर फिर उकसाया तो जवाब और तगड़ा होगा।” विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भी चेताया कि भारत जवाबी कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है।
कूटनीति बनाम जंग पर क्या बोले?
वैद ने कूटनीति को देशहित में बताया, मगर फौज की ताकत पर गर्व जताया। उन्होंने कहा कि “नेतृत्व को ऐसे फैक्ट्स पता होते हैं, जो आम जनता नहीं जानती।” फिर भी, वैद का मानना है कि 2-3 दिन और मिलते, तो भारत पाकिस्तान को निर्णायक चोट देता। पुंछ और राजौरी में शहादतों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे जवानों ने जान दी, मगर आतंक को कुचला।” वैद का संदेश साफ है कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, और इसका समाधान सिर्फ़ भारत-पाक करेंगे। ट्रंप की मध्यस्थता एक पड़ाव है, मगर भारत का रुख अडिग है कि आतंक का खात्मा, चाहे जंग से हो या बात से।
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