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नॉर्थ-ईस्ट में बारिश का तांडव: बाढ़ और भूस्खलन ने मचाई तबाही, 32 की मौत, सिक्किम में फंसे 1500 सैलानी

असम, अरुणाचल, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन ने मचाई तबाही। 32 मौतें और 1500 सैलानी फंसे। जानिए हर राज्य की स्थिति।
02:44 PM Jun 01, 2025 IST | Rohit Agrawal
असम, अरुणाचल, मिजोरम, मणिपुर और सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन ने मचाई तबाही। 32 मौतें और 1500 सैलानी फंसे। जानिए हर राज्य की स्थिति।

मानसून की दस्तक ने नॉर्थ-ईस्ट को दहशत के समंदर में डुबो दिया है। असम, मिजोरम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में बारिश का कहर इस कदर बरपा कि हर तरफ तबाही का मंजर है। भूस्खलन और बाढ़ ने 32 जिंदगियों को लील लिया, जबकि सिक्किम में 1500 सैलानी जिंदगी और मौत के बीच फंसे हैं। सड़कें धंस गईं, घर मलबे में दफन हो गए, और जनजीवन ठप पड़ गया। भारतीय मौसम विभाग ने और भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसने प्रशासन की नींद उड़ा दी है। राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं, लेकिन प्रकृति के इस प्रकोप ने नॉर्थ-ईस्ट को घुटनों पर ला दिया। आइए, इस आपदा के हर पहलू को विस्तार से जानें।

असम में बाढ़ और भूस्खलन ने ढाया कहर

असम में मानसून की बेरहम बारिश ने तबाही मचा दी है। पिछले 48 घंटों में 16 लोगों की जान गई, जिनमें से आठ मौतें भूस्खलन और बाकी बाढ़ के कारण हुईं। गुवाहाटी में भारी जलभराव ने जनजीवन को ठप कर दिया। लखीमपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 41,600 से अधिक लोग बेघर हो गए। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, 17 जिलों में 78,000 लोग प्रभावित हैं, और 790 हेक्टेयर से अधिक फसलें तबाह हो चुकी हैं। राहत शिविरों में 7,000 से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं।

 

अरुणाचल प्रदेश: खाई में गिरी गाड़ी, उजड़ गया परिवार

चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन ने कहर ढाया। ईस्ट कामेंग जिले में नेशनल हाईवे 13 पर भूस्खलन के कारण एक गाड़ी गहरी खाई में गिर गई, जिसमें दो परिवारों के सात लोग मारे गए। लोअर सुबनसिरी में एक अन्य भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई, जिससे राज्य में मरने वालों की संख्या नौ हो गई। मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने मृतकों के परिजनों के लिए 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।

 

मिजोरम और मेघालय: मलबे में दफन हुए 13 घर

मिजोरम में भारी बारिश ने 13 घरों को मलबे में बदल दिया, जिसमें चार लोगों की जान गई। चम्फाई जिले में तीन म्यांमार शरणार्थियों सहित एक परिवार मलबे में दब गया। मेघालय में तीन लोगों की मौत हुई, जिसमें एक महिला भूस्खलन और एक किशोर पेड़ गिरने से मारा गया। दोनों राज्यों में 24 घंटे में आठ मौतें दर्ज की गईं। सैरांग और लुंगलेई जैसे निचले इलाकों में बाढ़ ने लोगों को ऊंचे स्थानों पर पलायन करने को मजबूर किया।

 

मणिपुर: इम्फाल में भयानक जल–प्रलय

मणिपुर की राजधानी इम्फाल में तीन दिन की लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया। इम्फाल नदी के किनारे बसे इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। कांगपोकपी में 175 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसने इरिल और नंबुल नदियों को उफान पर ला दिया। 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं, और 883 घर क्षतिग्रस्त हो गए। राहत कार्यों के लिए प्रशासन ने वाहनों की व्यवस्था की है।

 

सिक्किम: सैलानियों पर संकट के बादल

सिक्किम में भारी बारिश और भूस्खलन ने 1,500 सैलानियों को फंसा दिया है। मंगन जिले में तेज नदी का जलस्तर बढ़ने से सनकलांग पुल का एक हिस्सा बह गया, जिससे उत्तरी सिक्किम का संपर्क कट गया। भारतीय मौसम विभाग ने ग्यालशिंग, नामची, सोरेंग, गंगटोक और पाकयोंग के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बचाव कार्यों को बारिश और खराब दृश्यता ने और मुश्किल बना दिया है। प्रशासन ने यात्रियों से सुरक्षित रहने की अपील की है।

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