मरीज़ की उंगलियां कुतर गए चूहे...बिहार के सरकारी अस्पतालों के हाल बेहाल, मामले पर क्या बोले तेजस्वी?
बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (NMCH) से एक ऐसी घटना सामने आई है जो स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की पोल खोलती है। दअरसल हड्डी रोग के इलाज के लिए भर्ती एक दिव्यांग मरीज की पैर की चारों उंगलियां अस्पताल में मौजूद चूहों ने कुतर दीं। यह चौंकाने वाली घटना तब हुई जब मरीज रात में गहरी नींद में सो रहा था। इस मामले ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और स्वच्छता व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है, जिसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है।
उंगलियां चबा गए चूहे..क्या है पूरा मामला?
दरअसल नालंदा जिले के रहने वाले पीड़ित मरीज अवधेश कुमार पहले से ही एक पैर गंवा चुके हैं और डायबिटीज से पीड़ित हैं। उन्हें हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन के बाद यूनिट-4 के बेड नंबर 55 पर भर्ती किया गया था। शनिवार की रात जब वह सो रहे थे, तभी चूहों ने उनके दाहिने पैर की सभी चार उंगलियों को कुतर दिया। मरीज की पत्नी शीला देवी ने बताया कि जब उन्होंने सुबह देखा तो पैर से खून बह रहा था और उंगलियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं। वार्ड प्रभारी ने तुरंत उनका बैंडेज कर दिया, लेकिन नुकसान हो चुका था।
अस्पताल प्रशासन अपने बचाव में क्या बोला?
घटना के बाद अस्पताल की अधीक्षक डॉ. रश्मि प्रसाद ने हैरान करने वाला बयान दिया कि "चूहे हर घर में होते हैं"। उन्होंने मरीजों के अटेंडेंट और स्टाफ की लापरवाही को इसकी वजह बताया। हालांकि, अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. ओम प्रकाश ने स्वीकार किया कि चूहों की संख्या बढ़ गई है और उन्होंने इसके लिए जाली लगाने का सुझाव दिया था। यह पहली बार नहीं है जब NMCH में चूहों ने मरीजों को निशाना बनाया है। पहले भी एक मृतक की आंख चूहों ने कुतर दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तेजस्वी बोले–"क्या यही है बिहार का स्वास्थ्य तंत्र?"
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर इस घटना को उजागर करते हुए सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीजों की जान को खतरा है। चूहों ने एक दिव्यांग मरीज की उंगलियां कुतर दीं, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं टूटी। क्या यही है बिहार सरकार का 'स्वस्थ बिहार' का सपना?" उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब तलब किया और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
क्या जांच में सामने आएगा सच?
अस्पताल प्रशासन ने जांच का दावा किया है और चूहों से बचाव के लिए जाली लगाने का आदेश दिया है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह घटना महज एक "दुर्घटना" है या सरकारी अस्पतालों में स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति लापरवाही का नतीजा? स्वास्थ्य सेवाओं की इस शर्मनाक स्थिति ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या आम जनता को सुरक्षित इलाज मिल पा रहा है?
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