BSF जवान के बदले अपने आतंकी पति को छुड़ाना चाहती थी मुशाल, अब सता रहा फाँसी का डर
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में बैठी आतंकी यासीन मलिक की पत्नी मुशाल मलिक के हौसले पस्त हो गए हैं। भारतीय सुरक्षाबलों के ताबड़तोड़ अभियानों से घबराई मुशाल ने पाकिस्तानी मीडिया के सामने एक सनसनीखेज खुलासा किया कि वह पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा हिरासत में लिए गए BSF जवान के बदले अपने पति की रिहाई चाहती थी। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने BSF जवान को बिना शर्त छोड़ दिया, जिससे मुशाल की सारी योजनाएं धरी की धरी रह गईं। अब उसे डर सता रहा है कि भारत यासीन मलिक को फाँसी पर लटका सकता है।
पाक मीडिया में खुलासा करते हुए क्या बोली मुशाल?
पाकिस्तानी मीडिया DAWN न्यूज को दिए इंटरव्यू में मुशाल ने बताया कि उसे अपने पति से 6 साल से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। सभी संचार लाइनें बंद होने के कारण वह यासीन की हालत जानने से भी वंचित है। हालाँकि, उसने दावा किया कि यासीन के खिलाफ वायुसेना अधिकारियों की हत्या का कोई सबूत नहीं है। मुशाल की यह बयानबाजी उस समय सामने आई है जब यासीन मलिक को भारतीय अदालत ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
"पायलट से लेकर BSF जवान तक - सौदेबाजी की नाकाम कोशिश"
मुशाल ने अपने पति को छुड़ाने के लिए कई तरकीबें आजमाईं। पहले उसने दावा किया कि भारतीय महिला पायलट शिवांगी सिंह पाकिस्तान की हिरासत में है, लेकिन बाद में खुद ही इस झूठ को स्वीकार कर लिया। फिर उसने BSF जवान के बदले सौदे की बात उठाई, जो 1999 के कंधार विमान हाइजैक जैसी स्थिति पैदा करने की साजिश लगती है। उस समय आतंकियों ने भारतीय नागरिकों को बंधक बनाकर मौलाना मसूद अजहर की रिहाई हासिल की थी।
मुशाल और यासीन कैसे हुए एक दूजे के?
मुशाल और यासीन मलिक की जान-पहचान 2005 में हुई थी और 2009 में उन्होंने शादी कर ली। इस शादी को पाकिस्तानी मीडिया ने खूब प्रचारित किया था। मुशाल को 2023 में पाकिस्तान के कार्यवाहक PM अनवार उल हक काकर ने मानवाधिकार सलाहकार नियुक्त किया था, जो उसके भारत-विरोधी प्रोपेगेंडा को इनाम था। एक कथित कलाकार के रूप में मुशाल अपनी अर्धनग्न पेंटिंग्स के लिए भी जानी जाती है, जिसे वह "कला" का नाम देती है।
क्या है यासीन मलिक का खौफनाक सच?
यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का प्रमुख था जो कश्मीरी पंडितों के नरसंहार और वायुसेना अधिकारियों की हत्या में शामिल रहा है। UPA सरकार के दौरान उसे "गाँधीवादी" का लिबास पहनाया गया और तत्कालीन PM मनमोहन सिंह तक उससे मिलते थे। लेकिन मोदी सरकार ने उसे आतंकवादी करार देते हुए सजा सुनाई है। अब मुशाल का डर इस बात को लेकर है कि भारत यासीन मलिक को फाँसी दे सकता है, जो उसके लिए एक बड़ा झटका होगा।
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