Mobile Tower: पाकिस्तान बढ़ा रहा मोबाइल टावरों की रेंज, जासूसी का खतरा, जैसलमेर-श्रीगंगानगर में पाक सिम पर रोक
Mobile Tower: भारत-पाकिस्तान के बीच भले ही सीमा पर तनाव की स्थिति में कुछ कमी आई हो, लेकिन सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा संबंधी खतरे अब भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं। राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक नई सुरक्षा चुनौती ने प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। जिले के कई सीमावर्ती गांवों में पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क की पहुंच भारत की सीमा के भीतर तक दर्ज की गई है, जिससे कई तरह के संभावित खतरे पैदा हो गए हैं।
पाकिस्तान बढ़ा रहा मोबाइल टावर रेंज
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जैसलमेर जिले में भारत-पाक सीमा के नजदीक स्थित गांवों में पाकिस्तानी मोबाइल टावरों का सिग्नल लगभग कुछ किलोमीटर तक आ रहा है। इस तकनीकी घुसपैठ के चलते पाकिस्तान की लोकल मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क भारतीय क्षेत्र में भी कैच हो रहे हैं, जिससे पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग करते हुए भारत में भी बातचीत की जा सकती है। इस तकनीकी पहुंच को केवल एक नेटवर्क समस्या मानकर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस स्थिति का फायदा देश विरोधी तत्व या जासूसी नेटवर्क उठा सकते हैं। गैरकानूनी संचार, जानकारी की चोरी, साइबर हमले, या अन्य खुफिया गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस तरह की नेटवर्क उपस्थिति एक बड़ा खतरा बन सकती है।
पाकिस्तानी सिम पर पूरी तरह प्रतिबंध
सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट और सलाह के आधार पर जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने जिले में बड़ा और सख्त फैसला लेते हुए आदेश जारी किए हैं कि अब जिले की सीमाओं के भीतर पाकिस्तानी सिम का उपयोग पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन द्वारा जारी आधिकारिक बयान में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि पाकिस्तानी मोबाइल नेटवर्क का आना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे की आशंका उत्पन्न करता है। सीमावर्ती क्षेत्र के ग्रामीणों और नागरिकों को सचेत किया गया है कि वे किसी भी परिस्थिति में पाकिस्तानी नेटवर्क या सिम का इस्तेमाल न करें।
सुरक्षा एजेंसियों की चिंता व संभावित खतरे
सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, सीमावर्ती क्षेत्रों में विदेशी नेटवर्क की उपस्थिति एक रणनीतिक जोखिम है। ऐसे में पाकिस्तान के मोबाइल नेटवर्क की भारत में मौजूदगी न केवल आवश्यक डेटा को इंटरसेप्ट करने का माध्यम बन सकती है, बल्कि इसके माध्यम से स्थानीय लोगों के मोबाइल फोन की जासूसी या ट्रैकिंग भी संभव हो सकती है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सिम कार्ड का उपयोग करते हुए किसी भी विदेशी नेटवर्क से संवाद करना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। यह सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत गंभीर दंडनीय अपराध है। ऐसे में आम नागरिकों को भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि वे अनजाने में इस अपराध में संलिप्त हो सकते हैं।
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