मिशन 2047: जब हर राज्य बनेगा स्मार्ट, तभी चमकेगा भारत… नीति आयोग की अहम बैठक में क्या-क्या तय हुआ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में एक बड़ा लक्ष्य रखा है कि "2047 तक विकसित भारत बनाना है। यह बैठक सिर्फ योजनाओं की चर्चा तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक रोडमैप तैयार करने की दिशा में ठोस कदम था, जहां केंद्र और राज्यों ने मिलकर यह तय किया कि कैसे हर राज्य की प्रगति, देश को विकसित राष्ट्र बनाने की ओर ले जाएगी। पीएम मोदी ने साफ किया कि अगर हर राज्य विकसित होगा, हर गांव आत्मनिर्भर होगा, तो भारत अपने लक्ष्य से पहले ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि यह लक्ष्य कैसे हासिल किया जाएगा? क्या राज्यों ने कोई ठोस योजना पेश की? और क्या 2047 तक भारत वाकई विकसित देश बन पाएगा?
PM मोदी ने राज्यों को दिया कौन सा विकास मंत्र?
पीएम मोदी ने बैठक में एक बड़ा फॉर्मूला दिया कि "हर राज्य में कम से कम एक वैश्विक स्तर का पर्यटन स्थल विकसित किया जाए।" उन्होंने कहा कि अगर हर राज्य अपने यहां एक आइकॉनिक डेस्टिनेशन बनाएगा, तो न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
उदाहरण के तौर पर, केरल के बैकवाटर, राजस्थान के किले, हिमाचल के एडवेंचर टूरिज्म स्पॉट और उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों को वैश्विक स्तर पर ब्रांड किया जा सकता है। मोदी ने जोर देकर कहा कि"पर्यटन सिर्फ पैसों का स्रोत नहीं, बल्कि भारत की सॉफ्ट पावर है।"
महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
बैठक में एक बड़ा मुद्दा महिला सशक्तिकरण का भी रहा। पीएम मोदी ने कहा कि "अगर भारत को विकसित बनाना है, तो महिलाओं को कार्यबल में बराबरी से शामिल करना होगा।" उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे ऐसी नीतियां बनाएं, जिससे महिलाएं न सिर्फ नौकरियों में आगे आएं, बल्कि उद्यमिता और तकनीकी क्षेत्रों में भी उनकी भागीदारी बढ़े। उन्होंने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" और "मुद्रा योजना" जैसे कार्यक्रमों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन पहलों ने पहले ही लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। अब लक्ष्य है कि 2047 तक भारत की कार्यबल शक्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी 50% तक पहुंचे।
स्मार्ट सिटी से आगे बढ़कर 'फ्यूचर-रेडी' शहर
भारत तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है, और इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए पीएम मोदी ने "फ्यूचर-रेडी सिटीज" की अवधारणा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शहरों को सिर्फ स्मार्ट नहीं, बल्कि टिकाऊ (सस्टेनेबल) और नवाचार-आधारित बनाना होगा। इसमें ग्रीन एनर्जी, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, वेस्ट मैनेजमेंट और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करना होगा। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे "एक शहर: एक आइडिया" मॉडल पर काम करें, जहां हर शहर की एक अलग पहचान हो जैसे कोई एजुकेशन हब बने, कोई टेक सिटी, तो कोई हेल्थकेयर सेंटर।
केंद्र और राज्य मिलकर कैसे पूरा करेंगे मिशन 2047?
पीएम मोदी ने बैठक के अंत में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया कि "विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब केंद्र और राज्य 'टीम इंडिया' की तरह काम करेंगे।" उन्होंने कहा कि राज्यों को अपनी प्रतिस्पर्धा भूलकर सहयोग पर ध्यान देना चाहिए।
उदाहरण के लिए, अगर एक राज्य में कृषि उन्नत है, तो वह दूसरे राज्यों को अपनी तकनीक शेयर करे। अगर कोई राज्य औद्योगिक क्लस्टर विकसित कर रहा है, तो वह पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम करे। मोदी ने कहा कि "हमारी ताकत हमारी एकता में है। अगर सभी राज्य एक साथ आगे बढ़ेंगे, तो 2047 से पहले ही भारत विकसित देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।"
क्या 2047 तक संभव है विकसित भारत का सपना?
नीति आयोग की यह बैठक सिर्फ चर्चा तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसने एक स्पष्ट रोडमैप दिया है। अगर राज्य, केंद्र की नीतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें, तो 2047 तक भारत का विकसित राष्ट्र बनना कोई दूर का सपना नहीं है। हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं। गरीबी, बेरोजगारी, असमान विकास और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर तेजी से काम करना होगा। लेकिन अगर "सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास" की भावना से आगे बढ़ा गया, तो भारत निश्चित ही 2047 तक विकसित राष्ट्र बनकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करेगा!
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