सौरभ मर्डर केस: "हुजूर, वो प्रेग्नेंट है… ज़मानत दे दीजिए" — मुस्कान के वकील की अपील पर कोर्ट ने क्या कहा? साहिल कोर्ट में फूट-फूटकर रोया
मेरठ के सनसनीखेज सौरभ हत्याकांड में आज एक नया मोड़ आया जब अदालत ने आरोपी पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल की जमानत याचिका ठुकरा दी। कोर्ट ने मुस्कान के गर्भवती होने की दलील को भी नहीं माना और कहा कि "इतने जघन्य अपराध में जमानत संभव नहीं"। फैसला सुनते ही कोर्टरूम में मुस्कान और साहिल फफक-फफक कर रो पड़े, जबकि उनके वकील ने तुरंत हाईकोर्ट का रुख करने की तैयारी शुरू कर दी। यह वही मामला है जहां पति सौरभ की हत्या कर उसके शव के टुकड़े कर सीमेंट से भरे ड्रम में छिपा दिया गया था।
"गर्भवती होने से अपराध कम नहीं हो जाता": अभियोजन पक्ष का तर्क
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने जोर देकर कहा कि यह कोई साधारण हत्या नहीं बल्कि बेहद निर्मम और सुनियोजित तरीके से किया गया जघन्य अपराध है। चाकू और ड्रम जैसे हथियार आरोपियों की ही निशानदेही पर बरामद हुए हैं। इसके अलावा मुस्कान के अपने ही माता-पिता ने उसके खिलाफ बयान दर्ज कराया है जो उसके अपराध को और साबित करता है। अभियोजन की दलील थी कि "गर्भवती होने से अपराध की गंभीरता कम नहीं हो जाती" और अदालत ने इस तर्क को पूरी तरह से स्वीकार कर लिया।
"हम हाईकोर्ट जाएंगे": मुस्कान का वकील
जमानत याचिका खारिज होने के बाद मुस्कान की वकील ने हाईकोर्ट का रुख करने की तैयारी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि मुस्कान के गर्भवती होने को ध्यान में रखते हुए उसे जमानत मिलनी चाहिए थी। वहीं दूसरी ओर, सरकारी वकील रेखा जैन इस मामले में आरोपियों का पक्ष ले रही हैं क्योंकि मुस्कान और साहिल दोनों के परिजनों ने मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया था। यह एक विडंबना ही है कि जिस मुस्कान के अपने ही माता-पिता ने उसके खिलाफ बयान दिया, उसकी पैरवी के लिए सरकारी वकील को आगे आना पड़ा।
क्या था साहिल–मुस्कान का पूरा केस?
3 मार्च को मेरठ के ब्रह्मपुरी इलाके में सामने आए इस सनसनीखेज मामले ने पूरे देश को हिला दिया था। मुस्कान ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद दोनों ने शव के चार टुकड़े किए और उसे नीले रंग के ड्रम में सीमेंट भरकर छिपा दिया था। पुलिस ने आरोपियों के बयान के आधार पर ही सभी सबूत बरामद किए थे। मामले की जांच में पता चला कि मुस्कान और साहिल लंबे समय से अफेयर चला रहे थे और पति से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने यह भयानक साजिश रची थी।
क्या हाईकोर्ट जाएगा मामला?
अब मुस्कान और साहिल की टीम हाईकोर्ट में जमानत के लिए नई याचिका दाखिल करने की तैयारी में है। लेकिन अभियोजन पक्ष का कहना है कि इस तरह के जघन्य अपराध में जमानत देना सही नहीं होगा। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में हैं और उनकी आंसू भरी आंखें अब हाईकोर्ट की दया की उम्मीद कर रही हैं। विधि विशेषज्ञों का मानना है कि हाईकोर्ट भी इस मामले में जमानत देने से पहले सौ बार सोचेगा क्योंकि अपराध बेहद गंभीर और संगीन है। इस बीच, मेरठ की जनता इस मामले को लेकर काफी उत्तेजित है और न्याय की त्वरित प्रक्रिया की मांग कर रही है।
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