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फ्री मूवमेंट ऑर्डर पर बवाल! मणिपुर में भड़की हिंसा के बाद के कैसे है हालात?

मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के अनिश्चितकालीन बंद से तनाव बढ़ा। कांगपोकपी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक की मौत, 40 घायल।
03:50 PM Mar 09, 2025 IST | Vyom Tiwari
मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के अनिश्चितकालीन बंद से तनाव बढ़ा। कांगपोकपी में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक की मौत, 40 घायल।

मणिपुर में हिंसा के बाद अब भी तनाव बना हुआ है। कुकी-जो समुदाय के अनिश्चितकालीन बंद के कारण जनजीवन प्रभावित हो रहा है। हालात को नियंत्रित करने के लिए इलाके में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

शनिवार को कांगपोकपी जिले में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हो गई, जिसमें एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

यह झड़प तब हुई जब पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी। इसके बाद हालात और बिगड़ गए, जब प्रदर्शनकारियों ने निजी वाहनों में आग लगा दी। गमगीफई, मोटबंग और कीथेलमनबी में भी सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें कई लोग घायल हुए। घायलों को इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

फ्री मूवमेंट ऑर्डर को लेकर विरोध तेज

मणिपुर में फ्री मूवमेंट ऑर्डर को लेकर विरोध तेज हो गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को सुरक्षा बलों को सभी रास्ते खोलने का आदेश दिया था और इसमें बाधा डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। लेकिन रास्ते खुलते ही राज्य में फिर से हिंसा भड़क गई। इससे पहले, 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया था।

अब कुकी-जो परिषद ने शनिवार आधी रात से अपने इलाकों में अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान कर दिया है। परिषद ने सरकार से अपील की है कि वह अपने फैसले पर दोबारा विचार करे ताकि तनाव और हिंसा को रोका जा सके। उन्होंने यह भी कहा है कि वे बफर जोन में मैइती समुदाय के लोगों की सुरक्षित आवाजाही की गारंटी नहीं दे सकते और किसी भी अप्रिय घटना की जिम्मेदारी भी नहीं लेंगे।

हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की गई जान 

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने 20 फरवरी को राज्य के लोगों से अपील की है कि वे सात दिनों के भीतर लूटे गए या अवैध रूप से रखे गए हथियार सरकार को सौंप दें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है कि जो लोग तय समय में हथियार लौटा देंगे, उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी।

मणिपुर में 3 मई 2023 को दो समुदायों के बीच भड़की जातीय हिंसा अब भी पूरी तरह नहीं थमी है। समय-समय पर इसके असर दिखते रहते हैं। इस हिंसा में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।

 

 

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