मणिपुर में सत्ता का संग्राम! BJP-NPP विधायकों ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दी सियासी गर्मी।
Manipur political update: मणिपुर में सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। बुधवार को 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इनमें से 8 बीजेपी के, एक-एक एनपीपी और एक निर्दलीय हैं। उन्होंने 22 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। मणिपुर में विधानसभा की 60 सीटें हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 31 है।
निर्दलीय विधायक सपाम निशिकांत सिंह ने कहा कि “हमें उम्मीद है कि जल्द ही लोकप्रिय सरकार का गठन होगा। हम राज्यपाल से अपील कर रहे हैं कि हम एक लोकप्रिय सरकार चाहते हैं। (Manipur political update)हमने राज्यपाल को एक कागज भी दिया है जिस पर हम सभी ने हस्ताक्षर किए हैं। मणिपुर में सभी एनडीए विधायक एक लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम जनता का समर्थन भी चाहते हैं। हमने जो कागज दिया है उस पर करीब 22 लोगों के हस्ताक्षर हैं। राज्यपाल से मिलने के लिए 10 विधायक यहां आए हैं।
अच्छी थी राज्यपाल की प्रतिक्रिया’
राजभवन गए निर्दलीय विधायक निशिकांत सिंह ने कहा, ‘ज्यादातर लोग चाहते हैं कि राज्य में एक लोकप्रिय सरकार बने और यही कारण है कि हम राज्यपाल से मिलने यहां आए हैं। हमने अन्य बातों पर भी चर्चा की, जैसे कि लोकप्रिय सरकार बनने के बाद राष्ट्रपति शासन का कामकाज पहले जैसा नहीं रह सकता। राज्यपाल की प्रतिक्रिया भी अच्छी थी।’
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही सरकार का गठन हो जाएगा। मणिपुर में एनडीए के सभी विधायक लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए बहुत उत्सुक हैं। हम जनता का समर्थन भी चाहते हैं। हमने जो कागज दिया है, फ़िलहाल उस पर करीब 22 लोगों के हस्ताक्षर हैं। राज्यपाल से मिलने के लिए 10 विधायक यहां आए हैं।
एन बीरेन सिंह ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि मणिपुर में 9 फरवरी को भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रहे तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 13 फरवरी काे यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। राज्य में डेढ़ साल से अधिक समय से चल रही हिंसा को रोकने में विफल रहने के कारण बीरेन सिंह काफी दबाव में थे। मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था।
3 मई 2023 से मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच हिंसा चल रही है। विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर लगातार एनडीए पर सवाल उठाते रहे हैं। करीब 21 महीने से चल रही सांप्रदायिक हिंसा में 300 लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
60 सीटों वाली मणिपुर विधानसभा में भाजपा के 37 विधायक हैं। इनमें से 27 मैतेई, 6 कुकी, 3 नागा और 1 मुस्लिम हैं। एनडीए के पास कुल 42 विधायक हैं। इसमें नेशनल पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के 5 विधायक भी शामिल हैं।
13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू
बता दें कि, राज्य में मई 2023 से मैतेई और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए और हजारों लोग बेघर हो गए। 9 फरवरी को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया था। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है। इसे पहले ही निलंबित कर दिया गया था।
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