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महाकुंभ में एंट्री के लिए अब तिलक और कलावा जरूरी, नागा संन्यासियों का नया फरमान

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में प्रवेश के लिए नागा संन्यासियों ने नया फरमान जारी किया है। अब महाकुंभ में प्रवेश के लिए तिलक और कलाई में कलावा जरूरी होगा।
09:24 PM Dec 17, 2024 IST | Vibhav Shukla
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में प्रवेश के लिए नागा संन्यासियों ने नया फरमान जारी किया है। अब महाकुंभ में प्रवेश के लिए तिलक और कलाई में कलावा जरूरी होगा।

प्रयागराज महाकुंभ 2024 में अब एक नया ट्विस्ट आ गया है। हाल ही में अखाड़ा परिषद ने महाकुंभ में गैर सनातनियों के प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया था, और अब नागा संन्यासियों ने भी इस फैसले को और सख्त करने के लिए अपनी गाइडलाइन जारी कर दी है। इस नए फरमान के मुताबिक, अब महाकुंभ में प्रवेश के लिए तिलक और कलाई में कलावा होना जरूरी होगा। अगर ये दोनों चीज़ें नहीं हैं, तो फिर महाकुंभ में एंट्री नहीं मिलेगी।

नागा संन्यासियों का कहना है, 'धर्म की पवित्रता सबसे ऊपर'

जूना अखाड़े के नागा संन्यासी शंकर भारती ने इस फैसले के पीछे का कारण साफ किया। उनका कहना है कि हिंदू धर्म की शुचिता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए ये कदम उठाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में किसी भी तरह की भ्रष्टता या अनादर नहीं सहा जाएगा। जो लोग इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की तैनाती, हर गेट पर निगरानी

अब इस नियम को लागू करने के लिए अखाड़ों के सभी प्रवेश द्वारों पर पुलिस तैनात की जाएगी। पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी बिना तिलक और कलावा के महाकुंभ में न घुसे। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति इन गाइडलाइनों का उल्लंघन करता है, तो उसे सजा दी जाएगी। नागा संन्यासियों का कहना है कि उन्हें इस नियम को लागू करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी।

 महिला संत होंगी तैनात

महिला संन्यासियों ने भी इस गाइडलाइन का समर्थन किया है। जूना अखाड़े की महिला संन्यासी दिव्या गिरी का कहना था कि उनकी तरफ से भी यही नियम लागू किए जाएंगे। दिव्या गिरी ने ये भी कहा कि अखाड़े के बाहर एक महिला संत तैनात की जाएंगी, जो माथे पर तिलक करके ही लोगों को महाकुंभ में प्रवेश करने देंगी। इससे न केवल महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि कोई नियमों का उल्लंघन नहीं करेगा।

नागा संन्यासियों का कहना है कि ये कदम भारतीय संस्कृति और संगम नगरी की पवित्रता को बचाने के लिए उठाया गया है। उनका कहना है कि यदि कोई गैर सनातनी महाकुंभ में घुसने की कोशिश करेगा या हिंदू धर्म का मजाक बनाएगा, तो उसे कड़ी सजा मिलेगी। इसके अलावा, उन्होंने ये भी साफ किया कि वे इस मामले में पूरी तरह से सक्षम हैं और किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

क्या है अखाड़ा परिषद का रुख?

नागा संन्यासियों का यह कदम अखाड़ा परिषद के पहले से घोषित फैसले के साथ मेल खाता है, जिसमें उन्होंने महाकुंभ में गैर सनातनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। अब नागा संन्यासियों ने इस फैसले को और सख्त कर दिया है। इसके साथ ही, संगम नगरी में इस बार के महाकुंभ में हर किसी को नियमों के तहत ही प्रवेश मिलेगा, चाहे वह महिला हो या पुरुष।

महाकुंभ 2024 का आयोजन इस बार पहले से ज्यादा सख्त नियमों के तहत होगा। नागा संन्यासियों का यह कदम महाकुंभ की पवित्रता और भारतीय संस्कृति की रक्षा करने के लिए उठाया गया है। अब महाकुंभ में प्रवेश करने के लिए तिलक और कलावा होना जरूरी हो गया है। इस फैसले से यह साफ हो गया है कि कोई भी व्यक्ति जो भारतीय संस्कृति और धर्म का सम्मान नहीं करता, उसे महाकुंभ में घुसने का कोई मौका नहीं मिलेगा।

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