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नागरिकता छीनी, बैंक खाते बंद, मुस्लिम देश में महिलाओं के अधिकारों पर चला सरकार का कहर!

कुवैत में नागरिकता पर बड़ा फैसला, 42,000 लोगों की पहचान रद्द, सिर्फ असली कुवैती ही रह सकेंगे अब
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Kuwait citizenship revoked: कुवैत में पिछले कुछ महीनों में तकरीबन 42,000 लोगों से नागरिकता छीन ली गई है। यह कठोर कदम देश के नए अमीर मिशाल अल-अहमद अल-जाबेर अल-सबाह के शासनकाल में उठाया गया, जिन्होंने दिसंबर 2023 में सत्ता संभाली थी। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि अब केवल वही लोग कुवैती रहेंगे जिनका ब्लड रिलेशन देश से है। यह नीति मुख्यतः उन विदेशियों को निशाना बना रही है, जिन्होंने कथित तौर (Kuwait citizenship revoked)पर अवैध रूप से कुवैती नागरिकता प्राप्त की थी। इस फैसले से हजारों परिवारों पर असर पड़ा है और बैंक अकाउंट से लेकर सामाजिक अधिकारों तक पर रोक लगाई गई है।

नागरिकता खोने वालों में महिलाएं भी शामिल

सरकार के फैसले का सबसे बड़ा असर उन लोगों पर पड़ा है, जिन्हें शादी के बाद कुवैती नागरिकता मिली थी. खासकर वे महिलाएं जो कुवैती पुरुषों से शादी करने के बाद नागरिक बनी थीं, अब वे पूरी तरह से अधिकारविहीन हो गई हैं। नागरिकता छिनने के बाद वे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं, बच्चों की शिक्षा और सामाजिक लाभों से वंचित हो गई हैं।

मध्य पूर्व की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6 मार्च को ही 464 नागरिकों की नागरिकता रद्द कर दी गई। इनमें 12 लोग दोहरी नागरिकता के आरोप में और 451 लोग कथित धोखाधड़ी के चलते नागरिकता खो बैठे। कुवैत में दोहरी नागरिकता अवैध मानी जाती है, और अब सरकार इसे सख्ती से लागू कर रही है।

कुवैती पुरुषों से शादी के बाद यहां की नागरिक...

इस में सबसे ज्यादा प्रभावित वे महिलाएं हुई हैं, जो कुवैती पुरुषों से शादी के बाद यहां की नागरिक बनी हैं। इस कार्रवाई का मुख्य निशाना वही बनी हैं। नागरिकता छिनने के बाद ये लोग किसी भी देश के नागरिक नहीं रह जाते हैं। उन्हें सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं, बच्चों की स्कूल फीस, जमीन खरीदने या कंपनी में हिस्सेदारी जैसे अधिकारों से वंचित कर दिया जाता है। कुछ लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिए गए और बैंक खातों तक पहुंच सीमित कर दी गई। इन महिलाओं के साथ भी यही हुआ, जब इन्होंने पेमेंट करनी चाही, तो इनके अकाउंट फ्रीज हो चुके थे।

हजारों की संख्या में लोगों की नागरिकता रद्द...

अमीर ने एक स्पीच में कहा था कि कुवैत में रहने वाले करीब 50 लाख लोगों में से एक तिहाई ही असली कुवैती हैं। ऐसे में अगस्त के बाद से हजारों की संख्या में लोगों की नागरिकता रद्द की गई है, जिनमें 26 हजार वे महिलाएं हैं, जिन्होंने शादी के बाद यहां की नागरिकता ली थी। ये कुवैत की आधिकारिक रिपोर्ट है, जबकि असल संख्या इससे भी ज्यादा होने की आशंका है। नए अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल सबाह ने दिसंबर, 2023 में अमीर बनने के बाद ही संसद को भंग कर दिया और संविधान के कुछ हिस्सों को भी सस्पेंड कर दिया।

दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है...

दिसंबर में एक कानून में संशोधन किया गया, जिसके तहत ‘नैतिक भ्रष्टाचार, बेईमानी, या अमीर और धार्मिक हस्तियों की आलोचना’ जैसे कारणों से नागरिकता छीनी जा सकती है। इसके तहत गृह मंत्री के नेतृत्व वाली एक सुप्रीम कमेटी तय कर रही है कि किसकी नागरिकता वैध है। हर हफ्ते उन लोगों के नाम सार्वजनिक किए जाते हैं जिनकी नागरिकता छीनी गई है। लोग डर के मारे इन सूचियों में अपने या रिश्तेदारों के नाम ढूंढते हैं। कुवैत में दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं है, इसलिए कुवैती नागरिकता लेने वालों को अपनी मूल नागरिकता छोड़नी पड़ती है।

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