नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

48 घंटे में 6 आतंकियों का खात्मा… त्राल से शोपियां तक कैसे जाल में फंसे दहशत के सौदागर?

त्राल और शोपियां में सेना ने 48 घंटे में 6 आतंकियों को मार गिराया, जैश-लश्कर के थे सदस्य। स्थानीय सहयोग से ऑपरेशन सफल रहा।
04:47 PM May 16, 2025 IST | Rohit Agrawal
त्राल और शोपियां में सेना ने 48 घंटे में 6 आतंकियों को मार गिराया, जैश-लश्कर के थे सदस्य। स्थानीय सहयोग से ऑपरेशन सफल रहा।

जम्मू-कश्मीर की घाटियों में एक बार फिर सेना ने आतंकवाद के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। पिछले 48 घंटों में त्राल और शोपियां इलाकों में हुए दो सफल ऑपरेशनों में 6 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ये आतंकी पिछले कई महीनों से सुरक्षाबलों की नजर में थे, लेकिन अब उनका सफाया कर दिया गया है। सवाल यह है कि आखिर कैसे सुरक्षाबलों ने इतने कम समय में इन आतंकियों को ट्रैक किया और उन्हें मार गिराया? क्या यह सिर्फ बंदूकों की जीत है या फिर स्थानीय लोगों के सहयोग का नतीजा?

 

ऊंची पहाड़ियों पर छिपे थे आतंकी, लेकिन...

त्राल के दुर्गम इलाके में आतंकियों ने अपने ठिकाने बना रखे थे। यहां की ऊंची पहाड़ियां और घने जंगल उन्हें छिपने के लिए आदर्श जगह देते थे। लेकिन इस बार सुरक्षाबलों को स्थानीय लोगों से ठोस सूचनाएं मिलीं। 12 मई को मिली एक खुफिया जानकारी के आधार पर सेना ने ऑपरेशन शुरू किया। जब सुरक्षाबलों ने घेराबंदी की तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट मारे गए। इनमें से एक आतंकी शाहिद कुट्टे जर्मन पर्यटक पर हमले में भी शामिल था।

शोपियां में लश्कर का मॉड्यूल ध्वस्त

शोपियां में भी सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के एक मॉड्यूल को नेस्तनाबूद कर दिया। यहां मुठभेड़ में तीन आतंकी मारे गए। इन आतंकियों पर पिछले कई हफ्तों से नजर थी। सुरक्षाबलों ने बताया कि इन आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है। आतंकियों ने जैसे ही सुरक्षाबलों को देखा, फायरिंग शुरू कर दी, लेकिन जवाबी कार्रवाई में सभी ढेर कर दिए गए।

स्थानीय लोगों का सहयोग बना गेमचेंजर

इन ऑपरेशनों की सबसे बड़ी खासियत रही स्थानीय लोगों का सहयोग। कश्मीर आईजीपी वी.के. बिरदी ने बताया कि लोगों ने आतंकियों के बारे में जानकारी दी, जिससे ऑपरेशन आसान हो गया। सेना के मेजर जनरल धनंजय जोशी ने कहा, "हमें स्थानीय निवासियों का पूरा सहयोग मिला। उनकी मदद के बिना यह ऑपरेशन इतना सफल नहीं होता।" यह साफ संकेत है कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ जनता का मोहभंग हो रहा है।

8 आतंकीयों की तलाश अभी भी जारी

हालांकि अभी भी 8 आतंकी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। सुरक्षाबलों का मानना है कि ये आतंकी घाटी के दूसरे हिस्सों में छिपे हुए हैं। सेना ने चेतावनी दी है कि जो भी आतंकी हथियार उठाएगा, उसका सफाया कर दिया जाएगा। पिछले कुछ महीनों में आतंकियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशनों में कई बड़े नाम ढेर किए जा चुके हैं।

क्या आतंकवाद की रीढ़ टूट रही है?

48 घंटे में 6 आतंकियों का सफाया सुरक्षाबलों की क्षमता का प्रमाण है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अब स्थानीय लोग भी आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। क्या यह कश्मीर में शांति की नई शुरुआत है? अगर स्थानीय समर्थन ऐसे ही मिलता रहा, तो जल्द ही घाटी को आतंकवाद से पूरी तरह मुक्ति मिल सकती है। फिलहाल, सुरक्षाबलों की नजर अब बचे हुए 8 आतंकियों पर है, जिनका पता लगाने की कवायद तेज कर दी गई है।

यह भी पढ़ें:

औरंगजेब और राणा सांगा से लेकर सोफिया-व्योमिका तक...अखिलेश की टीम के 'बयानवीरों' की जुबान बार-बार क्यों फिसल रही?

डिजिटल दुनिया का पेट्रोल क्यों कहलाता है सेमीकंडक्टर? इसमें भारत कितना मजबूत, जानिए पूरी ABCD

Tags :
Counter-Terrorismindian armyIndian Security Forcesjaish e mohammedJammu and KashmirKashmir TerrorismLashkar-e-TaibaLocal SupportShopian OperationTral Encounter

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article