"शिव कैलाशो के वासी..." कैसे करें मानसरोवर यात्रा? आवदेन से लेकर कितना होगा ख़र्च, A टू Z डिटेल
Kailash Mansarovar Yatra 2025: देश की सबसे ऐतिहासिक और आध्यात्मिक यात्रा कैलाश मानसरोवर यात्रा 5 साल बाद फिर से शुरू होने जा रही है. केंद्र सरकारी की ओर से यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है औक रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं जिसकी आखिरी तारीख 13 मई है. जानकारी के मुताबिक यात्रा 30 जून से शुरू हो रही है जो 25 अगस्त तक चलेगी.
मालूम हो कि पिछले कुछ सालों में कोविड-19 और भारत-चीन सीमा पर तनातनी के चलते यात्रा बंद कर दी गई थी जिसके बाद अब दोनों देशों के बीत बनी आपसी सहमति के बाद यात्रा फिर शुरू होने जा रही है. कैलाश मानसरोवर यात्रा में इस बार उत्तराखंड और सिक्किम के रास्ते से कुल 15 जत्थे जाएंगे.
जैसा कि आप जानते हैं कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का हिंदू धर्म में खास महत्व है और इस यात्रा को लेकर तीर्थयात्री सालों से इंतजार कर रहे थे लेकिन यात्रा से पहले हर किसी के मन में कई तरह के सवाल और गाइडलाइन को लेकर असमंजस होता है. आज हम आपके सारे सवालों का जवाब देते हुए आपको बताएंगे कि यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें, यात्रा का रूट क्या रहने वाला है और यात्रा के लिए कैसे जाएं और कहां रुकें.
भगवान शिव का आया फिर बुलावा
बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने के लिए श्रद्धालुओं को ऑनलाइन आवेदन करना होता है जिसके लिए भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 13 मई 2025 तक आवेदन किया जा सकता है. इस बार पहली यात्रा लिपुलेख के रास्ते से होकर 30 जून को नई दिल्ली से शुरू होगी. मालूम हो कि मानसरोवर यात्रा में हर साल करीब 900 यात्री कैलाश पर्वत तक जाते हैं.
वहीं हिंदू धर्म की मान्यतायों की बात करें तो भगवान शिव का वास कैलाश मानसरोवर में है और इसका वर्णन कई पवित्र हिंदू ग्रंथों में मिलता है. यात्रा के दौरान यहां झील की परिक्रमा को काफी अहम माना जाता है. इसके साथ ही कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की बौद्ध और जैन धर्म में भी विशेष मान्यता बताई गई है.
आवेदन कौन कर सकता है?
बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए विदेश मंत्रालय हर बार नियम और गाइडलाइन जारी करता है जहां इस तीर्थयात्रा में जाने के लिए सबसे पहली योग्यता भारतीय नागरिकता होनी चाहिए. वहीं तीर्थयात्री के पास 1 सितंबर को कम से कम 6 महीने की वैधता वाला भारतीय पासपोर्ट होना चाहिए. इसके साथ ही वर्तमान साल की 1 जनवरी को कम से कम 18 साल और अधिकतम 70 साल की उम्र वाला शख्स यात्रा पर जा सकता है.
वहीं इस यात्रा के लिए सबसे ज़्यादा जरूरी और महत्वपूर्ण चीज है बॉडी मास इंडेक्स यानि बीएमआई जो कि 25 या उससे कम होना चाहिए क्योंकि यात्रा बेहद दुर्गम और कठिन रास्ते पर है ऐसे में शारीरिक रूप से स्वस्थ यात्री को ही ले जाया जाता है.
कैसे आवेदन कर सकते हैं?
सबसे जरूरी बात है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए निर्धारित वेबसाइट पर ही आवेदन किया जा सकता है. वहीं यात्रा के लिए ड्रॉ कंप्यूटर से निकाला जाता है ऐसे में आवेदन भरते समय आपको पूरी सावधानी बरतनी होगी.
आवेदन करते समय आपके पास पासपोर्ट की स्कैन कॉपी होनी चाहिए.इसके अलावा आवेदन करने वाले व्यक्ति का जेपीजी फार्मेट में फोटो होनी चाहिए. वहीं आवेदन करते समय आपके पासपोर्ट पर लिखी जानकारी जैसे नाम, पता आदि ही ऑनलाइन भरें.
यात्रा के चयन कैसे होता है?
दरअसल विदेश मंत्रालय यात्रा के लिए ड्रॉ निकालता है जिसके बाद चयन होने वाले तीर्थयात्री को उनके पंजीकृत ई-मेल और मोबाईल नंबर पर सूचना दी जाती है. वहीं इस जानकारी में यात्रा के मार्ग, बैच की सारी सूचना होती है. इसके बाद आवेदक को मंत्रालय की ओर से दी गई तारीख से पहले कुमांऊ मण्डल विकास निगम या फिर सिक्किम पर्यटन विकास निगम के दिए गए बैंक खाते में यात्रा का निर्धारित खर्च जमा करवाना होता है.
वहीं यात्रा शुरू करने से हर यात्री का मेडिकल किया जाता है जहां तीर्थयात्री को दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टिट्यूट में जाना होता है. इसके साथ ही यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति में हेलीकॉप्टर से वापसी के लिए एफिडेविट और चीनी क्षेत्र में मौत के बाद पार्थिव शरीर का वहीं अंतिम संस्कार करने का सहमति पत्र भी यात्री को देना पड़ता है.
अब आपको बताते हैं कितना आता है यात्रा का खर्च?
बता दें कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन हर साल जून से सितंबर के दौरान दो अलग-अलग रास्तों - लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथू ला दर्रा (सिक्किम) से होता है ऐसे में इन दोनों मार्गों के लिए हर व्यक्ति का खर्च भी अलग-अलग आता है. यात्रा की वेबसाइट की मानें तो लिपुलेख दर्रा से जाने वालों के लिए यात्रा का अनुमानित खर्च 1 लाख 74 हजार रुपए आता है जहां इस रास्ते पर करीब 200 किलोमीटर ट्रैकिंग है 22 दिन लगते हैं. इसके अलावा नाथु-ला दर्रे से यात्रा करने के लिए अनुमानित खर्च 2 लाख 83 हजार रुपए आता है जहां करीब 36 किलोमीटर की ट्रैकिंग और 21 दिन लगते हैं.