यूट्यूबर बनने से पहले क्या करती थी पाकिस्तान की जासूस ज्योति मल्होत्रा, जानिए पूरी कुंडली?
हरियाणा के हिसार की ज्योति मल्होत्रा इन दिनों सुर्खियों में है, लेकिन वजह कोई ट्रैवेल व्लॉग नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप है। पुलिस ने ज्योति को पकड़ा है और उस पर इल्ज़ाम है कि वो भारत की गोपनीय जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को दे रही थी। ज्योति ‘ट्रैवेल विद जो’ नाम से यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर धूम मचाती थी। उसके यूट्यूब चैनल पर 3.77 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और इंस्टा पर 1.31 लाख फॉलोवर्स। लेकिन इस चमक-दमक के पीछे की कहानी चौंकाने वाली है। आइए, जानते हैं कि यूट्यूबर बनने से पहले ज्योति क्या करती थी और कैसे पहुंची इस मुकाम तक।
ज्योति का बैकग्राउंड: हिसार से दिल्ली तक
ज्योति का घर हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी में है। 55 गज का छोटा-सा मकान, जिसमें तीन छोटे कमरे। ज्योति के पिता कारपेंटर हैं, लेकिन कमाई इतनी नहीं कि घर का खर्च आसानी से चल सके। ज्योति मां-बाप की इकलौती बेटी है, लेकिन 20 साल पहले माता-पिता का तलाक हो गया। घर की माली हालत ठीक नहीं थी, चाचा की पेंशन से किसी तरह गुजारा होता था। ज्योति ने हिसार के ही FCJ कॉलेज से एमबीए किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद वो दिल्ली चली गई, जहां उसे 20 हजार रुपये की नौकरी मिली। दिल्ली में वो पीजी में रहती थी और जिंदगी में कुछ बड़ा करने का सपना देखती थी।
कोरोना ने बदली जिंदगी, बन गई व्लॉगर
ज्योति का हिसार आना-जाना कम ही होता था। फिर आया 2020 का कोरोना काल, जिसने उसकी जिंदगी को झटका दे दिया। दिल्ली की कंपनी ने उसे नौकरी से निकाल दिया। बेरोजगार ज्योति वापस हिसार लौट आई। यहां उसने नौकरी ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कुछ जमा नहीं। तभी उसका ध्यान सोशल मीडिया की तरफ गया। उसने देखा कि लोग व्लॉग बनाकर अच्छा-खासा पैसा कमा रहे हैं। दिल्ली में रहते हुए ज्योति पहले ही स्टाइलिश हो चुकी थी। बस, उसने सोच लिया कि व्लॉगिंग के जरिए वो अपनी किस्मत आजमाएगी। उसने यूट्यूब, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर ‘ट्रैवेल विद जो’ के नाम से वीडियो डालने शुरू किए। धीरे-धीरे उसकी फैन फॉलोइंग बढ़ी और कमाई भी होने लगी।
पाकिस्तान का चक्कर: व्लॉगिंग या कुछ और?
ज्योति के पड़ोसी बताते हैं कि वो जब भी हिसार आती, या तो घर में बंद रहती या फिर बाहर ही गायब रहती। पुलिस को दिए बयान में ज्योति ने बताया कि वो अपने ट्रैवेल अकाउंट के लिए पाकिस्तान को एक्सप्लोर करना चाहती थी। इसके लिए वो दिल्ली में पाकिस्तान एंबेसी गई, ताकि वीजा ले सके। यहीं से उसकी मुलाकात कुछ ऐसे लोगों से हुई, जिनके साथ उसका कनेक्शन जासूसी के आरोपों तक जा पहुंचा। पुलिस का दावा है कि ज्योति नॉर्थ इंडिया में रहते हुए पाकिस्तान के जासूसी नेटवर्क से जुड़ गई थी।
अब क्या?
ज्योति की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। उसके फोन, लैपटॉप और बैंक अकाउंट्स की जांच हो रही है। ज्योति के पिता का कहना है कि उनकी बेटी बेकसूर है और उसे फंसाया जा रहा है। लेकिन पुलिस के पास सबूतों का दावा है। ज्योति की कहानी एक बार फिर बता रही है कि सोशल मीडिया की चकाचौंध के पीछे कई बार ऐसी सच्चाइयां छिपी होती हैं, जो चौंका देती हैं।
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