जांच समिति का दावा...जस्टिस वर्मा और परिवार का स्टोर रूम पर पूरा कंट्रोल, पुख्ता सबूत मिले!
Justice Yashwant Varma:इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा को नकदी बरामदगी मामले में दोषी ठहराने वाली सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति ने कहा है कि जिस स्टोर रूम में जली हुई नकदी मिली थी, वह जज और उनके परिवार के सक्रिय नियंत्रण में था।
सूत्रों ने बताया कि समिति को कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो संकेत करते हैं कि आग की घटना सामने आने के बाद स्टोर रूम से जली हुई नकदी को हटा दिया गया था। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने(Justice Yashwant Varma) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा था और जस्टिस वर्मा के जवाब के साथ समिति की रिपोर्ट भी साझा की थी।
स्टोररूम से निकले सबूत, जस्टिस वर्मा घेरे में
समिति ने अपनी जांच में पाया कि जिस स्टोररूम में ये जली हुई नकदी मिली, वह जस्टिस वर्मा और उनके परिवार के ही पूरे कंट्रोल में था। यह घटना राजधानी के सबसे पॉश इलाके, लुटियन्स दिल्ली, में उनके आधिकारिक आवास पर 14 मार्च की रात करीब 11:35 बजे घटी। सूत्रों के मुताबिक, तीन सदस्यीय समिति ने अपनी जांच में इलेक्ट्रॉनिक सबूतों सहित कई सबूक जुटाए हैं और 50 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा और दिल्ली फायर सर्विस के प्रमुख भी शामिल हैं। रिपोर्ट 3 मई को अंतिम रूप दी गई, और समिति की राय में आरोप इतने गंभीर हैं कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।
जस्टिस वर्मा ने अपने ऊपर आरोपों से इन्कार किया है
समिति ने साक्ष्यों का विश्लेषण किया और दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा व दिल्ली अग्निशमन सेवा के प्रमुख समेत 50 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए। वे 14 मार्च को रात 11.35 बजे लुटियन दिल्ली स्थित जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने के बाद सबसे पहले पहुंचने वालों में शामिल थे। तब जस्टिस वर्मा दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे। जस्टिस वर्मा ने अपने ऊपर आरोपों से इनकार किया है।
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