देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश बने जस्टिस सूर्यकांत, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
CJI Surya Kant: सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को भारत के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ले ली है। जस्टिस सूर्यकांत को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलायी है। बता दें कि हाल ही में बीआर गवई चीफ जस्टिस के पद से रिटायर हुए थे। उनकी जगह अब जस्टिस सूर्यकांत ने ली है। वह देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ
बता दें कि CJI भूषण आर. गवई ने संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की थी, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी थी। CJI बी. आर. गवई के 65 वर्ष की आयु पूरी होने पर आज वे सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति से पहले उन्होंने परंपरा को जारी रखते हुए वरिष्ठतम न्यायाधीश को अपना उत्तराधिकारी चुना। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
9 फरवरी 2027 तक रहेगा कार्यकाल
भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस सूर्यकांत का कार्यकाल आज 24 नवंबर 2025 से लेकर 9 फरवरी, 2027 तक रहेगा। बता दें कि नवंबर महीने की शुरुआत में, केंद्रीय कानून मंत्रालय में न्याय विभाग ने जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी की थी।
1984 में कानून की डिग्री हासिल की
मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले के छोटे-से गांव पेटवाड़ (नारनौंद) में मदनगोपाल शास्त्री और शशि देवी के घर हुआ। पिता संस्कृत के शिक्षक थे, जबकि माता एक साधारण गृहिणी। वे पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। जस्टिस सूर्यकांत ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से 1984 में कानून की डिग्री हासिल की। उसी वर्ष उन्होंने हिसार जिला न्यायालय में अपने कानूनी सफर की शुरुआत भी की।
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