Covid 19 के नए वेरिएंट JN.1 ने बढ़ाई चिंता: थाइलैंड में 33 हजार मामले, ब्रिटेन में सबसे ज्यादा मौतें, जानिए भारत कितना सुरक्षित?
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट JN.1 एक बार फिर दुनिया भर में चिंता का कारण बन गया है। थाइलैंड में 33,030 नए मामले सामने आए हैं, जबकि ब्रिटेन में मई 2025 की शुरुआत में एक दिन में ही 101 मौतें दर्ज की गईं। भारत में अब तक 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश दक्षिणी राज्यों में पाए गए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वेरिएंट पहले की तुलना में कम गंभीर है, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता चिंता का विषय बनी हुई है।
थाईलैंड से लेकर सिंगापुर तक एशिया में कहां कितने मामले?
थाइलैंड में सिर्फ एक सप्ताह (11-17 मई) में ही 33,030 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से केवल बैंकॉक में ही 6,000 मामले दर्ज किए गए। सिंगापुर में अप्रैल के अंत से मई की शुरुआत तक मामले 11,100 से बढ़कर 14,000 से अधिक हो गए हैं। हांगकांग में महज चार हफ्तों में संक्रमण दर 6.21% से बढ़कर 13.6% तक पहुंच गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, JN.1 वेरिएंट के उप-प्रकार LF.7 और NB.1.8 इन क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे हैं।
भारत में क्या है अभी कोरोना की स्थिति?
भारत में अब तक 257 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 95 केरल में, 66 तमिलनाडु में, 56 महाराष्ट्र में और 13 कर्नाटक में पाए गए हैं। मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल अस्पताल में कोविड संक्रमित दो मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है, हालांकि दोनों को पहले से कैंसर और किडनी संबंधी गंभीर बीमारियां थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्थिति नियंत्रण में है और अभी तक कोई गंभीर चिंता का विषय नहीं है।
JN.1 वेरिएंट कितना खतरनाक?
दरअसल JN.1 वेरिएंट ओमिक्रॉन का ही एक उप-प्रकार है, जिसके लक्षणों में गले में खराश, थकान, सिरदर्द और खांसी शामिल हैं। कुछ मामलों में डायरिया भी देखा गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा टीके इस वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं।
सावधानी के तौर पर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने, हाथों को नियमित रूप से धोने और बूस्टर डोज लेने की सलाह दी जा रही है। यदि कोई लक्षण दिखाई दे तो तुरंत स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।
भारत सरकार की तैयारियां क्या?
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय बैठक की है, जिसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), आईसीएमआर और अन्य स्वास्थ्य एजेंसियों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि देश में स्थिति नियंत्रण में है और अभी तक किसी प्रकार के लॉकडाउन या प्रतिबंधों की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, राज्यों को सतर्क रहने और पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
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