कोरोना रहेगा अजर अमर! साथ जीने की डालनी होगी आदत, नए वैरिएंट आने पर क्या बोले एक्सपर्ट्स?
कोरोना वायरस एक बार फिर भारत में अपना असर दिखा रहा है, और इस बार का नाम है JN.1 वैरिएंट। बता दें कि यह ओमिक्रॉन का ही एक उप-प्रकार है, लेकिन इसकी तेजी से फैलने की क्षमता ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। देश में पिछले कुछ दिनों में कोविड केस की संख्या 1200 से अधिक पहुंच चुकी है, और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सवाल यह है कि क्या भारत को एक बार फिर मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन जैसे सख्त उपायों की ओर लौटना होगा? या फिर अब हमें कोविड के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए? विशेषज्ञ क्या कहते हैं, आइए जानते हैं।
कोविड को लेकर BHU के प्रोफेसर ने क्या बताया?
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे का कहना है कि JN.1 वैरिएंट उतना घातक नहीं है जितना डेल्टा या कोरोना की पिछली लहरें थीं। उनके मुताबिक, "यह संक्रमण 21 से 28 दिनों तक चलेगा, लेकिन इससे मौतों का खतरा कम है।
प्रोफेसर चौबे ने बताया कि सिंगापुर, चीन और हांगकांग में इस वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में अभी स्थिति नियंत्रण में है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि "लोगों में एंटीबॉडी का स्तर कम हो रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।" वाराणसी में अगले हफ्ते से कम्युनिटी सर्विलांस शुरू किया जाएगा ताकि वायरस के प्रसार पर नजर रखी जा सके।
क्या कोविड है सामान्य फ्लू भर?
IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का मानना है कि JN.1 वैरिएंट को लेकर अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि "यह ओमिक्रॉन का ही एक सब-वैरिएंट है, जो पिछले दो साल से आता-जाता रहा है।" प्रोफेसर अग्रवाल के अनुसार, भारत की आबादी के हिसाब से कोविड के मामले अभी बहुत कम हैं और गंभीर स्थिति पैदा होने की संभावना नहीं है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि "इस वैरिएंट को सामान्य फ्लू की तरह लें और साधारण सावधानियां बरतें।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर केस तेजी से बढ़ते हैं, तो सरकार को सतर्कता बरतनी होगी।
कोविड पर क्या बोले मैक्स के एक्सपर्ट्स?
मैक्स हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज का कहना है कि कोरोना अब हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है और हमें इसके साथ जीने की आदत डालनी होगी। उन्होंने बताया कि "JN.1 वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन का असर कम हो सकता है, इसलिए नई वैक्सीन की जरूरत है।
डॉ. मनोज ने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन ले रखी है, उन्हें गंभीर संक्रमण का खतरा कम है, लेकिन फिर भी सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने लोगों से "मास्क पहनने, हाथ धोने और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचने" की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि अगर बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत टेस्ट करवाना चाहिए।
क्या भारत को फिर से लॉकडाउन की तैयारी करनी चाहिए?
अभी तक की रिपोर्ट्स और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, JN.1 वैरिएंट से कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन सरकार और आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को कोविड प्रोटोकॉल्स को फिर से लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अभी तक किसी बड़े प्रतिबंध की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, अगर केस तेजी से बढ़ते हैं, तो स्थानीय स्तर पर कुछ पाबंदियां लगाई जा सकती हैं। फिलहाल, विशेषज्ञों की सलाह है कि "लोग पैनिक न करें, लेकिन कोविड-अप्रोप्रिएट बिहेवियर जरूर फॉलो करें।"
कोविड को कैसे करें मैनेज?
JN.1 वैरिएंट ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि कोरोना अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इस बार वायरस उतना घातक नहीं है और भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से कहीं बेहतर स्थिति में है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोग सावधानी बरतें और वैक्सीन अपडेट रहें, तो इस लहर को आसानी से मैनेज किया जा सकता है। इसलिए, "घबराएं नहीं, लेकिन लापरवाही भी न बरतें।
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