मैसूर के बाद अब 'गोंद पाक' हुई 'गोंद श्री', आखिर जयपुर की मिठाइयों से क्यों गायब हो रहा 'पाक' शब्द?
जयपुर की मशहूर मिठाई दुकानों से अचानक 'पाक' शब्द गायब होता जा रहा है। इस कड़ी में मिठाई 'मोती पाक' बन गई 'मोती श्री', 'आम पाक' अब से 'आम श्री' और 'गोंद पाक' कहलायेगा 'गोंद श्री'। बता दें कि यह कोई भाषाई बदलाव नहीं, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद जयपुर के मिठाई विक्रेताओं का पाकिस्तान के खिलाफ एक मिठाई से मगर तीखा जवाब है। जब देश के जवान सीमा पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं, तो जयपुर के मिठाई विक्रेताओं ने भी अपने तरीके से देशभक्ति का इजहार किया है कि हमारी मिठाइयों में भी अब पाकिस्तान का कोई नाम और निशान नहीं रहेगा।
क्या 'पाक' शब्द पाकिस्तान से जुड़ा है?
दरअसल 'पाक' शब्द फारसी भाषा से आया है, जिसका अर्थ है 'शुद्ध' या 'पवित्र'। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद जयपुर के मिठाई विक्रेताओं ने इसे पाकिस्तान से जोड़कर भी देखा है। त्योहार स्वीट्स की मालकिन अंजलि जैन का कहना है कि"यह भाषा का मामला नहीं बल्कि भावनाओं का है।
हम चाहते हैं कि हमारी मिठाइयों में राष्ट्रीय गौरव झलके। वहीं, बॉम्बे मिष्ठान भंडार के विनीत त्रिखा ने साफ किया कि हम पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहते थे कि भारत के खिलाफ सोचने वालों का नाम हर जगह से मिटा दिया जाएगा।
मिठाइयों से 'पाक' शब्द हटाने के क्या हैं मायने?
जयपुर के मिठाई व्यापारियों का यह फैसला सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। रिटायर्ड टीचर पुष्पा कौशिक ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि "मैसूर पाक' का नाम 'मैसूर श्री' सुनकर मैं गर्व से भर उठी। यह हमारे सैनिकों को मिठाई की दुकान से दिया गया सलाम है।" व्यवसायी रमेश भाटिया ने इसे "सांस्कृतिक प्रतिक्रिया" बताया और कहा कि "यह संदेश है कि भारत न तो भूलेगा, न माफ करेगा।"
बदले गए मिठाइयों के नाम:
पहले का नाम | नई पहचान |
---|---|
आम पाक | आम श्री |
गोंद पाक | गोंद श्री |
स्वर्ण भस्म पाक | स्वर्ण श्री |
चंडी भस्म पाक | चंडी श्री |
मोती पाक | मोती श्री |
मैसूर पाक | मैसूर श्री |
क्या दूसरे शहरों में भी बदलेंगे मिठाइयों के नाम?
जयपुर में शुरू हुई यह मुहिम अब दूसरे शहरों में भी फैल सकती है। अब बड़ा सवाल यह है कि क्या दिल्ली, मुंबई और कोलकाता की मिठाई दुकानें भी 'पाक' शब्द को हटाएंगे? क्या यह सिर्फ एक प्रतीकात्मक कदम है या फिर भारत-पाक तनाव का असर अब हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में दिखने लगा है? एक बात तो तय है कि जयपुर के मिठाई विक्रेताओं ने देशभक्ति का एक अनोखा तरीका ईजाद किया है, जो न सिर्फ मीठा है, बल्कि देश की तरफ़ से मजबूत संदेश भी देता है!
क्या नाम बदलने से बदलेगी सोच?
जयपुर की मिठाइयों से 'पाक' शब्द हटाना शायद पाकिस्तान को सीधे तौर पर नहीं डराएगा, लेकिन यह दिखाता है कि भारत का आम नागरिक भी अब पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा है। यह एक छोटा कदम है, मगर इसका मतलब बहुत बड़ा है कि"हमारी मिठाइयों में भी अब पाकिस्तान के लिए कोई जगह नहीं!" अब देखना यह है कि क्या यह ट्रेंड पूरे देश में फैलेगा या फिर जयपुर तक ही सीमित रहेगा? एक बात तो साफ है कि भारत की देशभक्ति अब सिर्फ सीमा तक नहीं, बल्कि मिठाई की दुकानों तक पहुंच चुकी है!
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