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उत्तर प्रदेश में इजरायली तकनीक से आएगी क्रांति: अब किसानों की आमदनी होगी दोगुनी

उत्तर प्रदेश में खेती-किसानी की तस्वीर अब बदलने जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। अब इज़रायल की उन्नत कृषि तकनीकों का सहारा लेकर राज्य में...
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उत्तर प्रदेश में खेती-किसानी की तस्वीर अब बदलने जा रही है। योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रही है। अब इज़रायल की उन्नत कृषि तकनीकों का सहारा लेकर राज्य में सब्जी उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की तैयारी जोरों पर है। सरकार की योजना है कि प्रदेश में 26 करोड़ उन्नत किस्म के पौधे तैयार किए जाएं, जिससे न केवल उत्पादन में इज़ाफा हो, बल्कि किसानों को गुणवत्तापूर्ण उपज के जरिए बेहतर आमदनी भी मिल सके। यह बदलाव सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रहेगा—यह गांवों में रोजगार के नए अवसरों के द्वार भी खोलेगा।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: एक नई शुरुआत

कौशांबी में 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट्स' और चंदौली में 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल्स' की स्थापना की जा रही है। यही नहीं, प्रदेश के हर जिले में दो-दो हाईटेक नर्सरियों का जाल बिछाया जाएगा। कुल मिलाकर 150 हाईटेक नर्सरियों का नेटवर्क किसानों को वैज्ञानिक खेती की ओर ले जाएगा। इन नर्सरियों से किसानों को न सिर्फ बेहतरीन पौध सामग्री मिलेगी, बल्कि उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, जैविक उत्पाद और सिंचाई तकनीकें भी सुलभ होंगी। इसके अलावा, बाजार तक पहुंच और फसल बेचने के बेहतर विकल्प भी सुनिश्चित किए जाएंगे।

सिंचाई में मिल रही भारी सब्सिडी

प्रदेश के उद्यान राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के अनुसार, ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने सब्सिडी का पिटारा खोल दिया है। लघु और सीमांत किसानों को ड्रिप सिंचाई पर 90% तक और अन्य किसानों को 80% तक अनुदान दिया जा रहा है। वहीं, स्प्रिंकलर सिस्टम पर भी 65% से 75% तक की सब्सिडी दी जा रही है।

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कम लागत, ज्यादा मुनाफा

योगी सरकार की सोच साफ है—खेती की लागत घटे, उत्पादन बढ़े और किसान की जेब मजबूत हो। नई तकनीकें और नर्सरी मॉडल किसानों को आत्मनिर्भर बनाएं, ताकि वो अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच बना सकें।

इज़रायली तकनीक: खेती की दिशा और दशा बदलने को तैयार

इज़रायल, जो कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी रूप से दुनिया के सबसे उन्नत देशों में गिना जाता है, वहां की ड्रिप इरिगेशन, ग्रीनहाउस टेक्नोलॉजी और पौध तैयार करने की तकनीकों को अब उत्तर प्रदेश में अपनाया जा रहा है। जब वैज्ञानिक सोच खेतों में उतरेगी, तो किसानों की आय के साथ-साथ उनका जीवनस्तर भी ऊंचा होगा।

रोजगार और निर्यात, दोनों को मिलेगा बढ़ावा

इस योजना का लक्ष्य सिर्फ उत्पादन बढ़ाना ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश के प्रमुख कृषि निर्यात हब में बदलना भी है। इससे गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी। योगी सरकार की यह पहल न केवल किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को आधुनिक और टिकाऊ कृषि का केंद्र भी बनाएगी। अब वक्त है, जब तकनीक खेतों से होते हुए किसान की तरक्की तक पहुंचेगी।

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