ईरान पर इजरायली हमला तय? अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का दावा, परमाणु ठिकाने बने टारगेट! युद्ध के बादल मंडराए!
Israel Iran War: इजरायल जल्द ही ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले कर सकता है। इसके लिए वह तैयारी कर रहा है। इस संभावित हमले की जानकारी अमेरिका की ओर से दी गई है। CNN की रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। (Israel Iran War:)रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अभी यह अनिश्चित है कि इजरायली अधिकारियों ने इसपर कोई फैसला लिया है या नहीं। वहीं अमेरिकी प्रशासन में भी इस बात पर कुछ मतभेद है कि क्या इस तरह के हमले होंगे या नहीं।
इजरायली सेना का हवाई युद्धाभ्यास
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की वायुसेना बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रही है और हथियारों की तैनाती तेज कर दी गई है। कुछ अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यह महज दबाव की रणनीति हो सकती है ताकि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटे। मगर कई वरिष्ठ सूत्रों का दावा है कि अगर अमेरिका-ईरान की बातचीत असफल रही, तो इजरायल हमले को अंजाम दे सकता है।
ईरान पर हमले करेगा इजरायल?
न्यूज एजेंसी 'रॉयटर्स' के मुताबिक नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल, वॉशिंगटन में इजरायल की एंबेसी और प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस खूफिया जानकारी को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। CNN के मुताबिक खूफिया जानकारी से परिचित एक सूत्र ने बताया कि इजरायल के ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमले की संभावना हाल ही के महीनों में काफी बढ़ी है। सूत्र ने यह भी बताया कि अगर अमेरिका ईरान के साथ ऐसी डील करता है, जिसमें देश का सारा यूरेनियम नहीं हटाया जाएगा तो हमले की संभावना अधिक बढ़ सकती है।
ईरान का पलटवार और अमेरिका पर तंज
इस बीच, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिका की उस मांग की आलोचना की है, जिसमें यूरेनियम संवर्धन रोकने की बात कही गई थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका की शर्तें अनुचित हैं और परमाणु समझौते को लेकर कोई खास उम्मीद नहीं की जा सकती। डोनाल्ड ट्रंप ने भी साफ कर दिया है कि अगर कूटनीतिक प्रयास सफल नहीं हुए, तो अमेरिका भी सैन्य विकल्प पर विचार कर सकता है।
ईरान की हालत नाजुक, पर झुकने को तैयार नहीं
अक्टूबर में इजरायल ने ईरान की वायु रक्षा प्रणाली और मिसाइल फैक्ट्रियों पर हमला किया था, जिससे ईरान की सैन्य क्षमता को गहरा झटका लगा। ऊपर से अमेरिकी प्रतिबंध और उसके सहयोगियों की हालत भी नाजुक है। फिर भी, ईरान पीछे हटने को तैयार नहीं है। खामेनेई ने मंगलवार को बयान दिया कि अमेरिका की शर्तें "बड़ी भूल" हैं और ईरान यूरेनियम संवर्धन का अपना अधिकार नहीं छोड़ेगा जो कि संयुक्त राष्ट्र की परमाणु अप्रसार संधि द्वारा संरक्षित है।
वार्ता या युद्ध?
वार्ता का नेतृत्व कर रहे अमेरिकी दूत और ट्रंप के करीबी स्टीव विटकॉफ ने साफ कहा है, "हम किसी भी समझौते में 1% भी संवर्धन की अनुमति नहीं दे सकते।" मगर ईरान इस शर्त को अपनी संप्रभुता के खिलाफ मानता है।
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