ISI Spy Nework: PAK कैसे हनी ट्रैप या पैसे का लालच देकर तैयार करता है जासूस?
ISI Spy Nework: आज से 10 साल पुरानी बात है. साल 2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को अरेस्ट किया गया था. बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था. उसे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था. फेसबुक के जरिये उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था. उसे पैसे का लालच भी दिया गया था. तब से साल 2025 तक ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जानिए- क्या स्ट्रेटजी अपनाती है पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI?
कैसे फैलाता है आईएसआई नेटवर्क
इन दिनों मीडिया में हरियाणा बेस्ड यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा की हर तरफ चर्चा हो रही है. ज्योति के साथ ही गजाला, नोमान इलाही समेत कुल पांच लोगों को पांच लोगों को पुलिस ने अरेस्ट किया है. इन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने या उनकी छवि सुधारने के लिए तैयार प्लान में शामिल करने का आरोप है. सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रहा ज्योति मलहोत्रा केस में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे एक बेरोजगार युवा लड़की पाकिस्तान, चीन, इंडोनेशिया का दौरा कर लेती है. उसका खर्च कहां से आता है, पुलिस उसका पूरा मनी ट्रेल खंगाल रही है. इस बात का शक जताया जा रहा है कि उसकी ये सभी यात्राएं स्पांसर की गई हैं.
कई अहम जानकारी हुईं लीक!
रक्षा विश्लेषण क्षेत्र में काम करने का दावा करने वाली दामिनी (पाकिस्तानी महिला एजेंट) ने रंजीत केके को जॉब ऑफर करने के बहाने संपर्क किया था. उसने रंजीत से कहा कि आपको विभिन्न एयर फोर्स स्टेशनों के लिए सैन्य टुकड़ी मूवमेंट पर नजर रखना होगा. साथ ही लड़ाकू विमानों की सूचना और उनकी संख्या के बारे में बताना होगा. दोनों के बीच फेसबुक, स्काइप और व्हाट्सएप पर बातचीत हुई थी. रंजीत ने ऐसी कई गुप्त जानकारियां दमिनी को भेजीं जो सेना के लिहाज से अहम थीं.
इस बातचीत के दौरान एयर फोर्स जवान ने विमानों की सटीक संख्या जैसे जगुआर, सुखोई 30 और एडब्ल्यूएसीएस के एक अभ्यास में भाग लेना आदि का खुलासा किया. पठानकोट, अमृतसर, आगरा, अंबाला, श्रीनगर आदि से बठिंडा को स्क्वाड्रनों की आवाजाही के बारे में भी बताया.रंजीत 2010 से सेवा में थे. धीरे धीरे वो फेसबुक फ्रेंड जो कि असल में लेडी एजेंट थी, उसे अपनी मजबूरी की कहानी बताने लगा, ऐसे वे जाल में फंसता गया. रंजीत ने बताया कि सिर्फ मैं और मेरी मां ही थे. एक बहन है जिसकी शादी हो गई है.पिता की मृत्यु के बाद मुझे तुरंत नौकरी चाहिए थी. इसी कारण से मैं सेना में शामिल हो गया.
सतर्कता से किया काम
रंजीत ने दामिनी को जॉब को लेकर हुए इंटरव्यू के बारे में भी बताया था. इंटरव्यू में मंगीत नामक शख्स से रंजीत की बातचीत स्काइप से हुई थी. मंगीत पाकिस्तान का था. इस बात का पता चलने पर रंजीत ने दामिनी से कहा था कि परेशानी यह है मुझे लगता है कि वह (मंगीत) पाकिस्तान से हैं. मुझे परेशानी में मत डालो. मैं छोटे सपने देखने वाला एक साधारण व्यक्ति हूं. इस पर दमिनी ने उसे फिर बहला लिया था कि वो पाकिस्तान से नहीं है. दामिनी ने उसे पेमेंट के बारे में भी बताया था.
इसके मुताबिक रंजीत को शुरू में 550 से लेकर 600 अमरीकी डॉलर तक मिलता. कुछ अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त भुगतान की भी बात कही गई थी. इसके लिए भुगतान कम से कम 5000 अमरीकी डॉलर से लेकर 10,000 डॉलर तक अलग-अलग होगा. रंजीत को रिश्तेदार के नाम पर बैंक डिटेल्स देने की सलाह दी गई थी. दमिनी ने कहा कि यह आपका वेतन खाता है और वर्तमान खाते से अलग होना चाहिए जिससे कि कोई भी संदेह न करे.
सरकारी बाबू को हनीट्रैप में फंसाया
पाकिस्तानी महिला ISI एजेंट के हनीट्रैप में आकर भारत के सरकारी गोपनीय दस्तावेज भेजने के आरोप में मुजफ्फरपुर कटरा रजिस्ट्री कार्यालय के क्लर्क रवि चौरसिया को भी साल 2022 में गिरफ्तार किया गया था. उन पर देश की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी आईएसआई एजेंट को शेयर करने का आरोप लगा. क्लर्क के पास से मोबाइल के साथ ही मेमोरी कार्ड जब्त किया गया. पूछताछ में आरोपी ने पुलिस को बताया कि जब वह भारी वाहन निर्माण कारखाना अवाडी चेन्नई (रक्षा मंत्रालय) में क्लर्क के पद पर कार्य कर रहा था, उस समय उसकी मुलाकात फेसबुक पर एक महिला से हुई. उसने अपना नाम शांदी शर्मा बताया था. उससे बातें होने लगीं और धीरे-धीरे प्यार हो गया.
मोबाइल से रक्षा उपकरणों की फोटो भेजीं
इसके बाद पैसे का लालच भी दिया. इसके लालच में उसे मोबाइल से भारी वाहन निर्माण कारखाना चेन्नई के रक्षा उपकरणों की फोटो उसे भेजीं. इसके बदले में एसबीआई अकाउंट में उसने ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए. क्लर्क के मोबाइल और मेमोरी कार्ड व गैलरी में कई प्रतिबंधित सूचनाएं मिली थीं.
हनी ट्रैप का शिकार हुए थे DRDO के साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर
साल 2023 में महाराष्ट्र एटीएस ने DRDO के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को पुणे से गिरफ्तार किया था. कुरुलकर डीआरडोओ में बतौर वैज्ञानिक कार्यरत थे. उन पर आरोप था कि उन्होंने हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान को खुफिया जानकारी मुहैया कराई. इस मामले के आरोप पत्र में कहा गया था कि डीआरडीओ के वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर पाकिस्तानी महिला एजेंट के प्रति आकर्षित थे. उस महिला एजेंट ने अपना नाम 'जारा दासगुप्ता' बताया था. आरोप पत्र के अनुसार, पाकिस्तान की एजेंट ने साइंटिस्ट प्रदीप कुरुलकर से डिफेंस प्रोजेक्ट के अलावा भारतीय मिसाइल सिस्टम के बारे में बात की थी.
वॉट्सएप, वॉयस और वीडियो कॉल के जरिये होती थी बात
आरोप पत्र के अनुसार कुरुलकर और जारा दासगुप्ता वॉट्सएप मैसेजिंग के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के जरिए संपर्क में थे. जारा दासगुप्ता ने खुद को ब्रिटेन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया था. उसने साइंटिस्ट को अश्लील मैसेज और वीडियो भी भेजे थे. जब इस मामले की जांच की गई तो उसका आईपी एड्रेस पाकिस्तान का निकला. कुरुलकर ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों (SAM), ड्रोन, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल लॉन्चर्स और यूसीवी सहित कई प्रोजेक्ट के बारे में बातचीत की.
फिर ब्लॉक कर दिया था नंबर
एटीएस के मुताबिक साइंटिस्ट कुरुलकर और पाकिस्तानी एजेंट जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे. कुरुलकर की गतिविधियां संदिग्ध पाए जाने के बाद डीआरडीओ द्वारा जांच शुरू करने से ठीक पहले कुरुलकर ने फरवरी 2023 में जारा का नंबर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद एक अन्य Unknown भारतीय नंबर से एक वॉट्सएप पर मैसेज मिला, जिसमें कहा गया था, आपने मेरा नंबर क्यों ब्लॉक किया.
साल 2022 में कानपुर के रहने वाले सैनिक पर भी लगा आरोप
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जासूसी के आरोप में भारतीय वायुसेना के एक जवान को गिरफ्तार किया था. आरोपी का नाम देवेंद्र शर्मा बताया गया. दिल्ली पुलिस को इस पूरे काम में पाक की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ होने का अंदेशा था. आरोप है कि पहले IAF जवान देवेंद्र शर्मा को हनी ट्रैप में फंसाकर उससे IAF से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां जुटाने की कोशिश की गई थी. पुलिस को आरोपी की पत्नी के बैंक खाते में कुछ संदिग्ध लेनदेन भी मिले. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) के मुताबिक, आरोपी को हनी ट्रैप में फंसा कर वायु सेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटाने में प्रयास किया गया था.
देवेंद्र शर्मा से यह जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही थी कि कहां-कहां कितने रडार तैनात हैं? एयर फोर्स के सीनियर अफसरों के नाम और उनके एड्रेस भी जुटाने की कोशिश की गई. इस संबंध में खुफिया एजेंसी के इनपुट के बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था. महिला से सोशल मीडिया के जरिए उसकी दोस्ती हुई. इस संबंध में खुफिया एजेंसी के इनपुट के बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया था. महिला से सोशल मीडिया के जरिए उसकी दोस्ती हुई. इसके बाद महिला ने फोन पर अश्लील बातें कर देवेंद्र शर्मा को जाल में फंसा लिया और फिर उससे संवेदनशील जानकारियां जुटाने की कोशिश की. जिस नंबर से वह महिला देवेंद्र शर्मा से बात करती थी, वह भारतीय सर्विस प्रोवाइडर का नंबर था.
साल 2022 में हनी ट्रैप का शिकार हुआ सेना का एक और जवान
राजस्थान में तैनात सेना के जवान शांतिमय राणा को पाकिस्तानी महिला एजेंट्स ने हनी ट्रैप किया.ऐसा दावा है कि इसके बाद जवान से कई गोपनीय जानकारियां ली गईं. बदले में पैसे देने की जानकारी भी सामने आई. इस मामले में 24 साल के सैन्यकर्मी को राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग ने अरेस्ट किया. शांतिमय राणा पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे और जयपुर में अर्टलरी यूनिट में उसकी तैनाती थी.
राजस्थान पुलिस की इंटेलिजेंस विंग के डायरेक्टर ने तब बताया था। पाकिस्तानी एजेंट गुरनौर कौर उर्फ अंकिता और निशा ने सोशल मीडिया के जरिए जवान से संपर्क किया था. बाद में दो महिलाओं ने राणा का नंबर लिया था. वे दोनों ही राणा से वॉट्सऐप पर बात करती थीं. दोनों ने पहले राणा का भरोसा जीता. फिर उससे खुफिया जानकारियां लेने लगीं. इसके बदले राणा के खाते में कुछ पैसा भी ट्रांसफर किया गया था.
ऐसे फंसाया था जाल में
राणा ने बयान दियाा कि वो मार्च 2018 से भारतीय सेना में कार्यरत है और पिछले काफी समय से वाट्सऐप चैट, वीडियो और ऑडियो मेसेज के जरिए महिला पाक एजेन्ट के संपर्क में था. महिला ने खुद को शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) की निवासी बताया था. महिला ने राणा से कहा था कि वह वहीं पर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस में काम करती है. दूसरी महिला ने अपना नाम निशा बताया था. उसने कहा था कि वह मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में काम करती है. इन महिलाओं ने राणा से गोपनीय दस्तावेज, फोटोग्राफ्स, युद्धाभ्यास के वीडियो मांगे थे. लालच में आकर राणा ने अपनी रेजीमेन्ट के गोपनीय दस्तावेज व युद्वाभ्यास के वीडियो भेज भी दिये थे.
सेना में सोशल मीडिया को लेकर क्या हैं नियम
सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त संहिता है. इसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है. उन्हें वर्दी में अपनी तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी है.
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