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पहलगाम हमले के बाद भारत का पाकिस्तान को एक और झटका…बंद कर दी डाक और पार्सल सेवा, अब चिट्ठी भी नहीं जाएगी उस पार!

भारत ने पाकिस्तान को भेजी जाने वाली सभी डाक और पार्सल सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कीं, राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता।
03:50 PM May 03, 2025 IST | Rohit Agrawal

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाते हुए सभी डाक और पार्सल सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है और इसके चलते दोनों देशों के बीच व्यापारिक लेन-देन और व्यक्तिगत पत्राचार पर व्यापक असर पड़ने की संभावना है। यह कदम भारत की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहा है।

डाक और पार्सल सेवाओं पर पूरी तरह से रोक

भारत सरकार के संचार मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर घोषणा की कि पाकिस्तान से हवाई और ज Mihनी मार्गों के जरिए आने-जाने वाली सभी श्रेणियों की डाक और पार्सल सेवाएं 3 मई 2025 से बंद कर दी गई हैं। इस नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि न तो कोई मेल या पार्सल पाकिस्तान भेजा जाएगा और न ही वहां से प्राप्त किया जाएगा। डाक विभाग के इस फैसले से दोनों देशों के बीच छोटे व्यापारियों, विशेष रूप से सूखे मेवे, मसाले और हस्तशिल्प जैसे सामानों के आयात-निर्यात पर असर पड़ेगा, जो डाक सेवाओं पर निर्भर थे।

 

पहलगाम हमले से लगातार तनाव में हैं INDO–PAK संबंध

22 अप्रैल 2025 को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, की बर्बर हत्या कर दी गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।

यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी घटनाओं में से एक था, जिसमें 47 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। भारत ने इस हमले को पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का हिस्सा बताते हुए कड़े कदम उठाने शुरू किए। डाक और पार्सल सेवाओं का निलंबन उसी दिशा में एक और कदम है।

भारत ने अब तक क्या जवाबी कार्रवाइयां कीं?

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं। इनमें शामिल हैं:

सिंधु जल संधि का निलंबन: 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से हुई इस संधि को भारत ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया, जिससे पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है।

अटारी-वाघा सीमा बंद: भारत ने अटारी सीमा चौकी को बंद कर दिया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार और यात्री आवागमन रुक गया।

पाकिस्तानी नागरिकों का निष्कासन: भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया और SAARC वीजा छूट योजना को रद्द कर दिया।

हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध: भारत ने पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया, जिसके जवाब में पाकिस्तान ने भी यही कदम उठाया।

इन कदमों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। पाकिस्तान ने इन कार्रवाइयों को "युद्ध की कार्रवाई" करार देते हुए जवाबी कदम उठाए, जिसमें भारत के साथ व्यापार और हवाई क्षेत्र बंद करना शामिल है।

वैश्विक समुदाय का मिल रहा समर्थन

पहलगाम हमले की वैश्विक स्तर पर निंदा हुई है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता दिखाई है। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात कर आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने UNSC के अस्थायी सदस्य देशों जैसे अल्जीरिया, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया और स्लोवेनिया से संपर्क कर हमले के सीमा-पार संबंधों को उजागर किया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है।

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