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भारत बनेगा ग्लोबल इकोनॉमिक पॉवरहाउस! अमेरिका-चीन को पछाड़ेगा, दुनिया की नजर अब हिंदुस्तान पर

वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की चमक, रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ रेट के साथ पीछे छोड़ा चीन और अमेरिका को
03:16 PM May 17, 2025 IST | Rajesh Singhal
वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की चमक, रिकॉर्ड तोड़ ग्रोथ रेट के साथ पीछे छोड़ा चीन और अमेरिका को

India GDP: संयुक्त राष्ट्र (UN) से भारत के लिए बड़ी और खुशी की खबर सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र ने 2024 के लिए भारत के विकास अनुमानों को संशोधित किया है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने इस वर्ष देश की अर्थव्यवस्था में लगभग सात फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। यूएन ने पिछले अनुमान को अपडेट करते हुए कहा कि इसकी इस बढ़त की बड़ी वजह सरकारी निवेश और प्राइवेट एक्सचेंज में बढ़ोतरी है।

2024 के मध्य तक विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाओं का डेटा गुरुवार 16 मई को जारी किया गया है। UN ने 2024 के मध्‍य में विश्‍व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (WESP) शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2024 में इंडियन इकोनॉमी 6.9 प्रतिशत तो 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ सकती है।(India GDP) इसका मेन रीजन सरकार के भारी निवेश और प्राइवेट कंजप्शन बढ़ना है। बाहरी यानी दुनिया की मांग बढ़ने और भारत के एक्सपोर्ट से ग्रोथ को और तेजी मिलती है। आने वाले वक्त में फार्मा और केमिकल क्षेत्रों से एक्सपोर्ट बढ़ने की बहुत संभावनाएं हैं।

भारत में विकास दर 6.2 प्रतिशत

संयुक्त राष्ट्र ने इस साल जनवरी में भारत के लिए 6.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था, और मध्य-वर्ष के अपडेट में देश के लिए नवीनतम 6.9 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि का अनुमान ऊपर की ओर संशोधन दर्शाता है। जनवरी में लॉन्च की गई संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2024 रिपोर्ट में कहा गया था कि मजबूत घरेलू मांग और विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि के बीच, 2024 में भारत में विकास दर 6.2 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।

 

जानिए अमेरिका...चीन की इकोनॉमी में कितनी होगी ग्रोथ?

रिपोर्ट के अनुमान से पता चलता है कि चीन 4.6 फीसदी, अमेरिका 1.6 फीसदी, जापान 0.7 फीसदी और यूरोपीय संघ मामूली 1 फीसदी की दर से ग्रोथ करेगा. जर्मनी में -01% की निगेटिव ग्रोथ होने का अनुमान है। फिर भी डेवलपमेंट अनुमानों को पहले के आंकड़ों की तुलना में 30 बेसिस पॉइंट से नीचे संशोधित किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्‍लोबल इकोनॉमी में धीमी ग्रोथ का संकेत दिखाई दे रहा है, जिसका कारण बढ़ते व्‍यापार तनाव और नीतिगत अन‍िश्चितताएं हैं।

WESP ने हाल ही में अपने 2026 के अनुमान को 30 बेसिस पॉइंट से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया है। इसके बावजूद, भारत कंजम्‍प्‍शन और सरकारी एक्‍सपेंडेचर की बदौलत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र की विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाओं की रिपोर्ट के अपडेट ने बढ़ते व्यापार तनाव और नीति अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर सतर्क नजरिए रखा है।

दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन और पाकिस्तान और श्रीलंका में मामूली सुधार से समर्थित, दक्षिण एशिया का आर्थिक दृष्टिकोण मजबूत रहने की उम्मीद है। क्षेत्रीय सकल घरेलू उत्पाद 2024 में 5.8 प्रतिशत (जनवरी से 0.6 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी) और 2025 में 5.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो 2023 में दर्ज 6.2 प्रतिशत से कम है।

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