जो पाकिस्तान सोच भी नहीं सकता था, वो भारत ने कर दिखाया, दुनिया के 6 ताकतवर देशों में शामिल!
India enters top 6 global powers : भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच देश की तरक्की से जुड़ी अहम खबर आई है। ऐसी खबर जिसके बारे में पाकिस्तान सपने में भी नहीं सोच सकता है। भारत दुनिया के उन टॉप 6 देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने 6G पेटेंट फाइल किया है। 6जी आने के बाद देश में इंटरनेट डेटा ट्रांसफर की स्पीड 1 टेराबिट प्रति सेकंड तक पहुंच जाएगी और यह 5जी से 100 गुना अधिक तेज होगा। कहा जाता है कि 6जी टेक्नोलॉजी इतनी (India enters top 6 global powers) फास्ट होगी कि सेकंडों में फिल्म डाउनलाेड की जा सकेगी।
5G के मुकाबले कितनी तेज होगी इंटरनेट स्पीड
केंद्रीय दूरसंचार राज्यमंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा कि भारत में 111 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं को 300 करोड़ रुपये की मंजूरी राशि के साथ वित्तपोषित किया गया है। इसके साथ ही देश अब 6जी पेटेंट दाखिल करने वाले विश्व के शीर्ष छह देशों में शामिल है। मंत्री ने यहा ‘भारत 6G 2025’ सम्मेलन में कहा कि 6जी टेराहर्ट्ज आवृत्ति बैंड का उपयोग करेगा, जिससे एक टेराबिट प्रति सेकंड तक डेटा दर प्राप्त होगी जो 5जी की तुलना में 100 गुना तेज है।
भारत बनेगा ग्लोबल लीडर
दूरसंचार राज्य मंत्री ने कहा कि इंडिया में प्रतिभाशाली वैज्ञानिक और इंजीनियर्स हैं जिस वजह से भारत 6जी टेक्नोलॉजी के मामले में ग्लोबल लीडर बन सकता है। हमारे पास 6जी के रिसर्च और इनोवेशन के लिए पर्याप्त समय है। 6G टेक्नोलॉजी की वजह से न केवल मौजूदा इंडस्ट्री बल्कि कई नई इंडस्ट्रीज भी उभरेंगी। केवल इतना ही नहीं, भारत की अथर्व्यवस्था में 6जी की वजह से 2035 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का इजाफा हो सकता है। 6G सर्विस को आम जनता के लिए कब तक रोलआउट किया जा सकता है? फिलहाल इस बात की कोई भी सटीक जानकारी सामने नहीं आई है।
दुनिया के कौन से देश 6जी में आगे
रिपोर्टों के अनुसार, मौजूदा वक्त में 6जी तकनीक को विकसित करने में अमेरिका, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोपियन यूनियन सबसे आगे हैं। भारत भी इस रेस में तेज दौड़ रहा है। 6जी तकनीक को विकसित करने के लिए भारत सरकार इंस्टिट्यूटों और प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। वह रिसर्च और डेवलपमेंट को आगे बढ़ा रही है।
मेड इन इंडिया होगी 6जी तकनीक
सरकार 6जी टेक्नोलॉजी को मेड इन इंडिया यानी पूरी तरह से देश में ही विकसित करना चाहती है। रिपोर्टों के अनुसार, सरकार ने इस काम में देश के आईआईटी, ग्लोबल यूनिवर्सिटीज और टेक कंपनियों को जिम्मेदारी दी है। रिपोर्टों के अनुसार, सरकार अगले दो साल में 6जी पेटेंट में 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करना चाहती है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, कुल 111 रिसर्च प्रोजेक्ट्स को 300 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।
क्या फायदा होगा देश को 6जी
6जी तकनीक के आने से देशभर में मोबाइल नेटवर्क पर इंटरनेट स्पीड मौजूदा स्पीड से 100 गुना फास्ट हो जाएगी। इससे नई इंडस्ट्रियों का जन्म होगा और पुराने उद्योगों में क्रांति आएगी। 6जी के आने से 2035 तक देश की इकॉनमी में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का इजाफा हो सकता है। 6जी तकनीक के स्वदेशी होने से यह फायदा भी होगा कि देश में चीनी कंपनियों के इक्विपमेंट नहीं आएंगे।
यह भी पढ़ें:
इधर ‘डमी फाइटर जेट’ से भारत ने किया खेल, उधर ब्रह्मोस ने मचा दी पाक में तबाही
.