भारत का ऐतिहासिक फैसला: अब हर आतंकी हमला युद्ध की घोषणा माना जाएगा
पहलगाम की वह काली रात जब आतंकियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों को धर्म के आधार पर चुन-चुनकर मार डाला, भारत की धैर्य की सीमा का अंतिम बिंदु साबित हुई। ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब भारत ने वह ऐतिहासिक फैसला लिया है जिसका इंतजार देश को तीन दशकों से था।अब से कोई भी आतंकवादी घटना भारत के खिलाफ युद्ध की घोषणा मानी जाएगी और उसका जवाब भी पूर्ण युद्धस्तर पर दिया जाएगा। यह सिर्फ नीति परिवर्तन नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत का अंतिम युद्धघोषणा है जिसने पूरे विश्व को चौंका दिया है।
नया सैन्य सिद्धांत: आतंकवाद अब युद्ध समान माना जाएगा
भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की हालिया बैठक में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय के तहत अब से कोई भी आतंकवादी घटना स्वतः युद्ध की घोषणा मानी जाएगी। इस नए सिद्धांत के अनुसार जवाबी कार्रवाई अब सीमित सैन्य ऑपरेशन तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि वायुसेना, थलसेना और नौसेना का पूर्ण समन्वित प्रयोग किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि अब निशाने पर सिर्फ आतंकी नहीं बल्कि उनके संरक्षक सैन्य ठिकाने और प्रशिक्षण केंद्र भी होंगे।
वह भयावह रात जिसने बदल दी भारत की रणनीति
22 अप्रैल की वह क्रूर रात्रि जब पहलगाम के शांत पर्यटन स्थल पर आतंकियों ने पर्यटकों को उनके नाम पूछ-पूछकर, धर्म के आधार पर चुन-चुनकर निर्ममता से मार डाला। 26 निर्दोष नागरिकों की इस सुनियोजित हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जिस कठोर चेतावनी का संकेत दिया था, वह आज एक ठोस राष्ट्रीय नीति के रूप में सामने आया है। ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अब बातचीत का समय बीत चुका है।
पाकिस्तान की बौखलाहट पर भारत की अडिग स्थिति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के 26 अलग-अलग स्थानों पर हमले की नाकाम कोशिश की है। भारतीय सुरक्षा बलों ने इन सभी प्रयासों को विफल करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली के आगे बिल्कुल बेअसर हैं।
सीमा पर पाकिस्तानी सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती चिंताजनक है, लेकिन भारत ने भी अपनी सभी सीमाओं पर सैन्य तैयारियां पूरी कर ली हैं। एस-400 और ब्रह्मोस मिसाइल प्रणालियों को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है।
तीन दशक के आतंकवाद का अंतिम समाधान
1990 के दशक से चले आ रहे आतंकवाद के इस लंबे दौर को समाप्त करने के लिए भारत का यह निर्णय दूरगामी परिणाम लेकर आएगा। अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत भारत को आत्मरक्षा का पूर्ण अधिकार प्राप्त होगा। वैश्विक स्तर पर भारत आतंकवाद को युद्ध की घोषणा मानने वाला पहला लोकतांत्रिक देश बन गया है। पाकिस्तान के लिए यह स्पष्ट चेतावनी है कि अब हर आतंकी हमले की कीमत उसे पूर्ण युद्ध के रूप में चुकानी होगी। सेना को अब पूर्ण स्वतंत्रता मिल गई है कि वह समय और स्थान चुनकर जवाबी कार्रवाई करे।
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